NIA ने पहलगाम आतंकी हमला मामले में चार्जशीट दाखिल की

NIA ने Pahalgam आतंकी हमला मामले में जम्मू कश्मीर की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की। इस आरोपपत्र में आतंकी हमले का पूर्ण विवरण दिया गया है। पहलगाम हमले में 25 पर्यटकों की जान चली गई थी। विस्तृत विवरण नीचे पढ़ें।

पहलगाम आतंकी हमला

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आज जम्मू की एक विशेष अदालत में अपना आरोपपत्र दाखिल किया। जिसमें अप्रैल में हुए Pahalgam हमले का विस्तृत विवरण दिया गया है जिसमें भारत और नेपाल के 25 पर्यटक और एक स्थानीय घुड़सवार की जान चली गई थी। सुरक्षा बलों ने तीन पाकिस्तानी लश्कर-ए-तैबा आतंकवादियों को हमलावरों के रूप में पहचाना, जो 29 जुलाई को एक ऑपरेशन में मारे गए थे।

NIA ने Pahalgam आतंकी हमला मामले में गवाहों से पूछताछ की

राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने 350 से अधिक गवाहों से पूछताछ और सबूतों के विश्लेषण के बाद हमलावरों को पनाह देने के आरोप में दो स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपपत्र में हमले की योजना, क्रियान्वयन और जमीनी नेटवर्क का ब्यौरा दिया गया है। जिससे जम्मू कश्मीर की सुरक्षा चुनौतियों के बीच पीड़ितों के परिवारों को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।

Pahalgam आतंकी हमला

हमला 22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम के पास बाइसरन घाटी में हुआ, जो एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। हमले में शामिल तीन आतंकवादियों की पहचान सुलेमान शाह, हमजा अफगानी उर्फ अफगान, और जिब्रान के रूप में हुई। ये सभी पाकिस्तानी नागरिक बताए गए हैं। ये लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और इसके प्रॉक्सी द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) से संबद्ध थे।

पहलगाम आतंकी हमला क्यों हुआ ?

आतंकवादियों के पास M4 कार्बाइन और AK-47 राइफलें थीं, और उन्होंने जंगलों के रास्ते घाटी में प्रवेश किया। TRF नेपहलगाम हमले की जिम्मेदारी दो बार ली। यह दावा करते हुए कि यह कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने और गैर-स्थानीय बस्तियों का विरोध करने के लिए किया गया था।

NIA की कार्रवाई

NIA ने 22 जून 2025 को दो स्थानीय निवासियों, बशीर अहमद जोथर और परवेज अहमद जोथर को गिरफ्तार किया। जिन्हें आतंकवादियों को पनाह और लॉजिस्टिक सपोर्ट देने का आरोपी माना गया। इनकी गिरफ्तारी के बाद 180 दिनों की जांच अवधि 18 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रही है। जिसके तहत आज आरोप पत्र दाखिल किया जा रहा है।

संदिग्धों को हिरासत में लिया गया

जुलाई 2025 में शफात मकबूल वानी को हैंडवारा से गिरफ्तार किया गया। सितंबर 2025 में कुलगाम से मोहम्मद यूसुफ कटारिया को लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए हिरासत में लिया गया।

पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड 

TRF का प्रमुख सज्जाद अहमद शेख उर्फ सज्जाद गुल, जो पाकिस्तान में रहता है, को हमले का मास्टरमाइंड माना गया है। उसकी कश्मीर में संपत्ति कुर्क की गई है।

NIA की जांच के नतीजे 

NIA ने आतंकवादियों के फोन से पाकिस्तानी संपर्क नंबर, डीएनए नमूने, और मोबाइल डेटा, सोशल मीडिया चैट, बैंक लेनदेन और कॉल लॉग्स बरामद किए हैं। इनसे पता चला कि TRF को मलेशिया के यासिर हयात और अन्य देशों से लगभग 9 लाख रुपये की फंडिंग मिली। जांच में पता चला कि हमले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का हाथ है। डिजिटल ट्रेस मुजफ्फराबाद और कराची तक जाते हैं।

NIA ने 2,800 से अधिक लोगों से पूछताछ की और 150 से अधिक को हिरासत में लिया। हिरासत में लिए जाने वालों में पूर्व ओवरग्राउंड वर्कर्स और पूर्व आतंकवादी शामिल हैं।

आरोप पत्र दाखिल करने की समयसीमा 

जांच अवधि के 90 दिन पूरे होने के बाद NIA ने अतिरिक्त 45 दिन की मांग की थी। जो जम्मू कोर्ट ने मंजूर कर ली। अब 180 दिन की समयसीमा के भीतर आरोप पत्र दाखिल किया जा रहा है। आरोपपत्र में LeT और TRF को नामजद किया जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने पहले संसद में पाकिस्तानी LeT आतंकवादियों की संलिप्तता की पुष्टि की थी। नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, गांधीनगर की मदद से बरामद सामग्रियों का परीक्षण किया गया है।

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