आईएमए ने योग गुरु रामदेव के एक विवादित वीडियो को लेकर डॉक्टर हर्षवर्धन और ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को एक पत्र लिखकर उन्हें महामारी अधिनियम के तहत रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा था। अब रामदेव ने अपना ब्यान वापस ले लिया है।
रामदेव ने कहा,” किसी भी चिकित्सा में होने वाली गलतियों का रेखांकन उस पद्धति पर आक्रमण के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए। हम आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और एलोपैथी के विरोधी नहीं हैं । हम यह मानते हैं कि कि जीवन रक्षा प्रणाली एवं शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में एलोपैथी ने बहुत तरक्की की है और मानवता की सेवा की है । कोरोना काल में भी एलोपैथी के डॉक्टरों ने अपनी जान जोखिम में डालकर करोड़ों लोगों की जान बचाई है। हम उनका सम्मान करते हैं। हमने भी आयुर्वेद और योग के प्रयोग से करोड़ों लोगों की जान बचाई है। इसका भी सम्मान होना चाहिए ।
संपूर्ण देशवासियों के लिए #COVID19 के खिलाफ़ दिन-रात युद्धरत डॉक्टर व अन्य स्वास्थ्यकर्मी देवतुल्य हैं।
बाबा @yogrishiramdev जी के वक्तव्य ने कोरोना योद्धाओं का निरादर कर,देशभर की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई।
मैंने उन्हें पत्र लिखकर अपना आपत्तिजनक वक्तव्य वापस लेने को कहा है। pic.twitter.com/QBXCdaRQb1
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) May 23, 2021
उन्होंने आगे कहा कि जो है ज्ञान व्हाट्सएप पर आया था, जिसे उन्होंने पढ़ कर सुनाया था। बता दें, पिछले दिनों रामदेव ने एलोपैथिक दवाओं और डॉक्टरों को लेकर सवाल उठाया था। जिसके बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एक पत्र लिखकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया से रामदेव के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी।
योग गुरु रामदेव ने डॉक्टर हर्षवर्धन को पत्र लिखकर कहा,” हम आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और एलोपैथी के विरोधी नहीं है। हम मानते हैं कि जीवन रक्षा प्रणाली तथा शल्य चिकित्सा विज्ञान में एलोपैथी ने बहुत प्रगति की है और मानवता की सेवा की है। मेरा जो बयान रेखांकित किया गया है वह एक कार्यकर्ता बैठक का है। जिसमें मैंने व्हाट्सएप पर आए हुए मैसेज को पढ़कर सुनाया था ।उससे एक अगर किसी की भावना आहत हुई है तो मुझे खेद है।
इससे पहले डॉ हर्षवर्धन ने एक पत्र लिखते हुए योग गुरु रामदेव को कहा था,” एलोपैथिक दवाओं और डॉक्टरों पर आपकी टिप्पणी से देशवासी बेहद आहत हुए हैं। शनिवार को जो आपने स्पष्टीकरण जारी किया है वह लोगों को भावनाओं को मरहम लगाने में नाकाफी है। कोरोना महामारी के संकट के दौर में जब एलोपैथी और उससे जुड़े डॉक्टरों ने करोड़ों लोगों को नया जीवनदान दिया है ।आपका यह कहना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि लाखों मरीजों की मौत एलोपैथिक दवा खाने से हुई है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना वायरस महामारी की लड़ाई में को सामूहिक प्रयास से जीता जा सकता है। इलाज के मौजूदा तरीकों को तमाशा बताना न सिर्फ एलोपैथी बल्कि उनके डॉक्टरों के मनोबल को तोड़ने और कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई को कमजोर करने वाला साबित हो सकता है। मैं आपके द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण को पर्याप्त नहीं मानता हूं।”
बता दे, कुछ दिन पहले ही योग गुरु रामदेव का एक वीडियो ट्विटर अकाउंट पर साझा किया था। जिसमें वह एलोपैथी दवाओं की आलोचना करते हुए नजर आए थे। उन्होंने वीडियो में कहा था कि एलोपैथी दवाओं की वजह से हजारों लोगों की जान चली गई है। जिस का विरोध करते हुए आईएमए ने रामदेव के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी।