निठारी कांड: इलाहबाद हाई कोर्ट ने सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को किया बरी, फांसी की सजा रद्द
अक्टूबर 16, 2023 | by
निठारी कांड को अंजाम देने वाले सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को इलाहबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। 19 लड़कियों और औरतों को रेप के बाद कत्ल कर देने वाले सुरेंद्र और मोनिंदर की फांसी की सजा पर रोक लगा दी गई है।
करीब 18 साल पहले पुरे देश को हिलाकर रख देने वाले चर्चित निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को इलाहबाद हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने दोनों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। बता दें, सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले को सुंरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। अब हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोनों की फांसी पर रोक लगा दी है।
यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस एसएचए रिजवी की खंडपीठ ने सोमवार के दिन दिया। खंडपीठ ने लंबी बहसों के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह फैसला आज सुनाया गया। सुरेंद्र कोली ने एक दर्जन से अधिक लड़कियों और औरतों के रेप के बाद उनकी हत्या कर दी थी। कोली ने इसी मामले में फांसी की सजा के खिलाफ अपील दायर की थी। मोनिंदर सिंह पंढेर को भी तीन मामलों में मौत की सजा मिली थी। दिल्ली से सटे नोएडा स्थित में मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी में निठारी गांव की लड़कियों की लाकर हत्या कर दी गई थी।
क्या है निठारी कांड ?
2005 में हुए निठारी कांड ने मानवता को शर्मशार कर दिया था। नोएडा के सेक्टर 30 स्थित निठारी गांव की कोठी नंबर 5 डी में रहने वाले उद्योगपति मोनिंदर सिंह पंढेर और उनके नौकर सुरेंद्र कोली ने 19 महिलाओं और बच्चियों को रेप के बाद जान से मार दिया था। महिलाओं और बच्चियों के कुछ शवों को काटकर नाले में फेंक दिया था और कुछ को कोठी में ही दफना दिया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस मामले की जांच की थी। सीबीआई कोर्ट ने दोनों को फांसी की सजा सुनाई थी।
सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर 2006 से डासना जेल में बंद हैं। दोनों ने सीबीआई के फैसले को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट ने फ़िलहाल दोनों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है।
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