केंद्र सरकार के साथ समझौते के बाद नेशनल डेमोक्रेटिक फेडरेशन ऑफ़ बोडोलैंड ने अलग राज्य की मांग को छोड़ दिया है। इस समझौते के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अब कोई बोडो उग्रवादी नहीं है बल्कि वे सभी हमारे भाई हैं।
गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनेवाल की मौजूदगी में एनडीएफबी ने समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इस समझौते के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बोडो ग्रुप के उग्रवादियों पर दर्ज मुकदमों का रिव्यू किया जाएगा। अब कोई बोडो उग्रवादी नहीं है। वे सभी हमारे भाई हैं।
आपको बता दें, आज अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार, असम सरकार, और बोडो संगठन के चार समूहों के बीच समझौता हुआ है। उन्होंने कहा यह असम के सुनहरे भविष्य का दस्तावेज़ है।
अमित शाह ने कहा कि 1987 से बोडो आंदोलन हिंसक बना और इस संघर्ष में 2823 नागरिक मारे गए है जिसमें 949 बोडो काडर के लोग हैं, और इसमें 239 सुरक्षाबलों के भी मारे गए हैं। यह एक ऐतिहासिक समझौता है।
अमित शाह ने आगे कहा कि 130 हथियारों के साथ 1550 का काडर 30 जनवरी को आत्मसमर्पण करेंगे। गृह मंत्री के तौर पर मैं सभी प्रतिनिधियों को आश्वासन देना चाहता हूं कि सभी वादे समयबद्ध तरीके से पूरे होंगे। शुरुआत में पूर्वोत्तर भारत से कटा हुआ महसूस करता था, लेकिन नरेंद्र मोदी के शासन काम से इस क्षेत्र को ज्यादा तवज्जो दिया जाना शुरु किया गया।
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