30 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के समय 57 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली थी। जिनमें से प्रमुख राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय ,निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय एस जयशंकर को विदेश मंत्री बनाया गया। अमित शाह को दूसरे नंबर की हैसियत का दर्जा देते हुए गृहमंत्री का पदभार दिया गया।
अमित शाह ने गृहमंत्री का कार्यभार संभाल लिया है। अब अमित शाह की हैसियत सरकार में नंबर दो की होगी। अमित शाह के गृहमंत्री बने के साथ-साथ अब उनकी प्राथमिकता की अटकलों का बाजार गर्म है। खासकर जम्मू-कश्मीर में धारा 370 और आर्टिकल 35-ए पर सरकार का रुख देखने लायक होगा। ख़ासतौर पर लोगों की निगाह अब इस बात पर होगी कि बतौर गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के मसले पर क्या रुख अपनाते हैं। क्योंकि अमित शाह चुनावी प्रचार के दौरान जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और आर्टिकल 35 के हटाने की बात करते रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में इसी साल नवंबर महीने में विधान सभा चुनाव भी होने वाले हैं। चुनावों से पहले धारा 370 और आर्टिकल 35-ए पर गृह मंत्रालय का रुख राज्य की राजनीति में काफी उतार-चढ़ावलाने वाला साबित हो सकता है।
दसरी तरफ अमित शाह के सामने देश के कई राज्यों में नक्सलवाद और आतंकवाद जैसी समस्याओं से निपटने की चुनौती भी है। छत्तीसगढ़,बिहार,नागालैंड जैसे कई राज्यों में ये बड़ी समस्या बनी हुई है। जम्मू-कश्मीर में पड़ोसी मुल्क द्वारा प्रायोजित आतंकवाद से निपटना भी एक बड़ी चुनौती रहेगी।