साधारण शक्ल,शरीर आवाज में मधुरता और स्वभाव में शालीनता अमोल पालेकर के जन्म दिन पर जानिए उन्होंने कैसे एक पेंटर से एक्टर बनने तक का सफर तय किया।
हिंदी सिनेमा जगत में 70 का दशक गोल्डन ऐरा माना जाता था। ये जमाना ऐसा था जब फिल्मों की कहानी से लेकर गानों तक लोगों में ज़बरदस्त क्रेज था। फिल्मों विलेन को मारना-पीटना ,हीरोइन के साथ प्यार करना अभिनेताओं की छवि बन गई थी। इसी दशक में एक ऐसा अभिनेता आया जिसने अभिनेताओं की इस तरह की छवि को खत्म कर दिया था। उस अभिनेता का प्रभाव ऐसा था कि कई बार तो उसने उस जमाने के एंग्री यंगमैन कहे जाने वाली अमिताभ बच्चन तक को भी शांत कर दिया था। उस समय बॉलीवुड के हीमैन कहे जाने वाले धर्मेंद्र और अपनी आवाज के जादू बिखेरने वाले राजेश खन्ना का बॉलीवुड में बोलबाला था। उसी जमाने में एक ऐसा अभिनेता ने बॉलीवुड में कदम रखा जिनको उनके अलग अंदाज के लिए फिल्म इंडस्ट्री में पहचान मिली ,जी हां हम बात कर रहे हैं अमोल पालेकर की। आइए आज उनके जन्म दिन के अवसर पर जानते हैं उनसे जुडी कुछ ख़ास बातें।बॉलीवुड अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने साउथ कोरिया में जीता पहला इंटरनेशनल अवॉर्ड
अमोल पालेकर का जन्म 24 नवंबर 1944 को मुंबई में हुआ था। पालेकर ने बतौर निर्देशक कई फ़िल्में बनाई जिनमें ,दायरा ,कच्ची धुप,पहेली और नकाब जैसी फ़िल्में शामिल हैं।अमोल पालेकर हिंदी के अलावा मराठी ,बंगाली कन्नड़ और मलायली फिल्मों में भी काम कर चुके हैं। अमोल पालेकर को 1980 में गोलमाल फिल्म के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला।पति पत्नी और वो फिल्म का ट्रेलर हुआ रिलीज,दर्शकों को खूब पसंद आ रहा है वीडियो
अमोल पालेकर के पिता एक पोस्ट ऑफिस में काम करते थे और उनकी माता प्राइवेट जॉब करती थी। वह एक साधारण परिवार में जन्में थे लेकिन रंगमंच पर उनका ऐसा जादू चला कि बॉलीवुड से ऑफर आने लगे। रजनीगंधा,गोलमाल,घरौंदा और छोटी सी बात उनके करियर की सबसे बेहतरीन फ़िल्में हैं।
अमोल पालेकर ने मुंबई के कला संस्था जेजे स्कूल ऑफ़ आर्ट से कला की पढ़ाईकी थी। उनकी रूचि पेंटिंग में थी। लेकिन वह कॉलेज के दिनों से ही एक्टर बनना चाहते थे। उनकी यही रूचि आगे चलकर उनको बुलंदियों तक ले गई। अमोल पालेकर ने दो शादियां की थी। उनकी पहली पत्नी का नाम चित्रा और दूसरी का संध्या गोखले है।