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लॉकडाउन में अनुष्का शर्मा ने किया जानवरों की आजादी का समर्थन

कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में हम सब खुद को एक पिंजरे में बंद जैसा महसूस कर रहे हैं। एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा ने ऐसी स्थिति में इंसानों द्वारा अपने मतलब और मनोरंजन के लिए पिंजरे में बंद जानवरों की आजादी की बात कही है

कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में हम सब खुद को एक पिंजरे में बंद जैसा महसूस कर रहे हैं। एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा ने ऐसी स्थिति में इंसानों द्वारा अपने मतलब और मनोरंजन के लिए पिंजरे में बंद जानवरों की आजादी की बात कही है।

लॉकडाउन में बंदी

कोविड-19 महामारी की वजह से भारत में लॉकडाउन का चौथा चरण चल रहा है। ऐसे में सभी अपने घरों में बंद हैं। घर बाहर निकलने का मतलब कोरोना को न्योता देना है। जब तक इस महामारी की कोई वैक्सीन तैयार नहीं होती है ,तब तक बचाव ही इलाज है।

पिंजरे में बंद महसूस

लॉकडाउन लागू हुए आज 80 से भी ज्यादा दिन हो गए हैं। जिसकी वजह से जरूरतों के साथ-साथ घूमने-फिरने और मनोरंजन के साधनों पर भी पाबंदी लगी हुई है।

ऐसे में घर पर रहकर खुद को पिंजरे में बंद होने जैसा महसूस हो रहा है। इसी अनुभव को लेकर बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा ने,जानवरों और पक्षियों की आजादी का समर्थन करते हुए अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर के पोस्ट साझा की है।

अनुष्का शर्मा की पोस्ट

अनुष्का शर्मा ने पिंजरे में बंद हाथी, भालू ,चिम्पैंजी और गोरिल्ला जानवरों की तस्वीरें शेयर करते हुए बहुत गहरी बात लिखी है। उनकी इस पोस्ट का गहरा मतलब है, जो हम तालाबंदी के समय में महसूस कर रहे हैं।

अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर लिखा ,” लॉकडाउन को 100 दिन भी नहीं हुए हैं और हम सब चिंतित हैं। उदास या बस अस्वस्थ महसूस करने के बारे में शिकायत कर रहे हैं। हम फ्री घूमने के लिए अपनी इच्छाओं के बारे में बोलते हैं। क्योंकि हम खुद को बंदी महसूस कर रहे हैं। ”

“अगली बार आप जब कभी भी चिड़ियाघर सर्कस या किसी ऐसे स्थान पर जाएं ,जो जानवरों को बंद रखता है, तो ये याद रखें। हम सभी इन जगहों पर जाने के लिए दोषी हैं। लेकिन कहीं न कहीं इस लाइन को रोकना होगा। वे (जानवर ) आपके मनोरंजन के लिए पैदा नहीं हुए हैं। आपकी तरह उनका भी जीवन है।” अनुष्का ने कहा। ये भी पढ़ें : बॉलीवुड में नहीं मॉडलिंग में करियर बनाना चाहती थी अनुष्का शर्मा,फिल्मों में ऐसे हुई एंट्री

एक्ट्रेस ने आगे लिखा ,” अपने मनोरंजन के लिए किसी जीव को बंद रखना अनुचित है। वे वही चोट और चिंता महसूस करते हैं जो आप करते हैं। अब फैसला आपको करना है। “

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