बुधवार के दिन बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक वकील द्वारा दायर याचिका पर केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह अपना जवाब दाखिल करे। याचिका में मांग की गई है कि पीएम केयर्स फंड का ऑडिट करवाया जाए और इसमें जमा राशि को सार्वजनिक किया जाए।
वकील अरविंद वाघमारे
बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ के जस्टिस माधव जामदार ने वकील अरविंद वाघमारे द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को जवाब में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
पीएम केयर्स फड़
देश में कोरोना वायरस के कहरा को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में 28 मार्च 2020 को पीएम केयर्स फड़ का गठन किया गया था। ये भी पढ़ें : पीएम केयर्स फंड एक बहुत बड़े घोटाले की तरफ इशारा कर रहा है:राष्ट्रीय कांग्रेस
राशि का ब्यौरा नहीं
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार याचिकाकर्ता अधिवक्ता वाघमारे ने भी इस राहत कोष में दान देने का दावा किया है। उन्होंने कहा ,पीएम केयर्स फंड में पहले सप्ताह में 6500 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। जिसके बाद जमा की गई राशि का कोई ब्यौरा नहीं दिया गया।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि पीएम केयर्स फंड के दिशा निर्देशों के अनुसार,चेयरपर्सन ,3 अन्य ट्रस्टियों के अलावा तीन और ट्रस्टियों को नियुक्त करना था। हालांकि इस फंड के गठन के बाद आज तक कोई नियुक्ति नहीं हुई है।
याचिकाकर्ता की मांग
अरविंद वाघमारे ने सरकार को निर्देश देने की मांग कि इस ट्रस्ट के लिए निचले सदन के साथ-साथ उच्च सदन के विपक्षी दलों के कम से कम दो सदस्यों को नियुक्त किया जाना चाहिए ,ताकि उचित जांच और पारदर्शिता हो सके। ये भी पढ़ें : Coronavirus: सलमान खान ने 25 हजार मजदूरों के एकाउंट में 15 करोड़ डालकर पेश की मिसाल
इसके आलावा उन्होंने यह भी मांग की है कि पीएम केयर्स फंड का ऑडिट ट्रस्टियों द्वारा चयनित स्वतंत्र अकाउंटेंट की जगह नियंत्रक और महालेखा परीक्षक भारत सरकार द्वारा कराया जाए। ये भी पढ़ें : युवराज सिंह ने कोरोना से संक्रमित लोगों की मदद के लिए पीएम केयर्स फंड में दान किए 50 लाख रुपये