मुकदमा हाथरस अदालत में चलेगा
उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 वर्षीय दलित महिला की चार लोगों ने रेप करने के बाद क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी थी।अब यह मुकदमा हाथरस अदालत में चलेगा। सीबीआई द्वारा दाखिल चार्जशीट के अनुसार,पीड़िता का आरोपियों ने गैंगरेप और हत्या की थी।आईपीसी की धारा 354, 376 ए, 376 डी और 302 के साथ-साथ एससी / एसटी एक्ट के संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
हाथरस गैंगरेप की सीबीआई जांच शुरू हुई
यूपी के हाथरस में हुए बलात्कार और हत्या के आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र में कहा गया,” 22 सितंबर को पूछताछ के दौरान पीड़िता ने स्पष्ट रूप से कहा था कि उसके साथ चार आरोपियों ने गैंगरेप किया था। पीड़िता ने मरने से पहले भी उनका नाम लिया था।सीबीआई जांच में यह पता चला कि पीड़िता का बाजरा के खेत में उस समय बलात्कार किया गया, जब वह अकेली थी। जांच में यह भी पता चला कि सभी चारों आरोपी वारदात के समय गांव में या वारदात की जगह पर मौजूद थे,जो पीड़िता के आरोप की पुष्टि करता है।
महिला को बदनाम करने की कोशिश
हालांकि, बयान के बावजूद, महिला को यौन उत्पीड़न के लिए चिकित्सकीय जांच नहीं की गई थी। फिर भी, शुरुआती निष्कर्षों ने उसकी कहानी को बदनाम करने का प्रयास किया, जिसमें दस दिनों से अधिक की देरी के बाद, योनि / गुदा संभोग के कोई संकेत नहीं मिले थे।
दोनों को पहले से परिचित बताया गया
चार्जसीट के अनुसार, पीड़ित महिला और आरोपियों में से एक संदीप नाम का युवक 2-3 साल पहले से परिचित थे।आरोपपत्र में आगे कहा गया कि संदीप के पास 3 फोन नंबर थे और पीड़िता के परिवार से संबंधित एक फोन नंबर से कई कॉल किए गए थे।हालांकि परिवार के लोगों का कहना है कि न तो उन्होंने संदीप से बात की है और न ही कोई फोन कॉल किया।
CBI जांच में यह भी पता चला कि जब पीड़िता के परिवार के सदस्यों को पीड़िता और संदीप के बीच फोन पर हुई बातचीत के बारे में पता चला तो संदीप के घर के सामने पीड़िता के परिवार वालों का झगड़ा भी हुआ था।इस घटना को कई ग्रामीणों ने देखा था।बाद में पीड़िता के पिता ने आरोपियों द्वारा पीड़िता को किए गए फोन कॉल के बारे में ग्राम प्रधान के बेटे को एक मौखिक शिकायत भी की थी।इस बात की गवाहों ने पुष्टि की है और आरोप पत्र में कहा गया।
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