कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए पीएम मोदी ने लॉकडाउन की घोषणा की थी। जिसका असर देश की अर्थव्यवस्था के साथ आम लोगों पर भी पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस काटजू ने लॉकडाउन को विनाशकारी निर्णय बताया है।

लॉकडाउन की घोषणा एक विनाशकारी निर्णय:जस्टिस काटजू

कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए पीएम मोदी ने लॉकडाउन की घोषणा की थी। जिसका असर देश की अर्थव्यवस्था के साथ आम लोगों पर भी पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस काटजू ने लॉकडाउन को विनाशकारी निर्णय बताया है।

मंत्रालय की रिपोर्ट

भारत में कोविड 19 महामारी का संक्रमण तेजी से फ़ैल रहा है। स्वास्थ्य एवम परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार अब तक देश में डेढ़ लाख से भी अधिक कोरोना के कुल पॉजिटिव मामले दर्ज किए जा चुके हैं। देश में कोरोना वायरस के कारण 4337 लोगों की मौत हो चुकी है।

न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू

सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू ने लॉकडाउन को सरकार का बेवकूफी भरा औचित्यहीन फैसला बताया। जस्टिस काटजू ने हस्तक्षेप को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि पीएम मोदी द्वारा लागू  या गया लॉकडाउन  नोटबंदी की तरह फेल हो गया है।

देखें पूरा इंटरव्यू

हस्तक्षेप के पत्रकार अमलेन्दु उपाध्याय को दिए गए साक्षात्कार में कहा, ये एक बेवकूफी का फैसला था। इसका कोई औचित्य नहीं था। पीएम मोदी को फैसला लेने से पहले विशेषज्ञों ,वैज्ञानिकों और अर्थशस्त्रियों के साथ विचार विमर्श करना चाहिए था। लॉकडाउन से पूरी की अर्थव्यवस्था ठप्प हो गई है। पूरा देश ठप्प कर दिया। ट्रेने ठप्प कर दी।

उन्होंने कहा ,” जो अर्थव्यवस्था पहले ही नीचे गिरती जा रही थी वो बिलकुल ही चौपट कर दी। नोटबंदी की तरह लॉकडाउन का फैसला भी जल्बाजी में लिया गया। एकतरफा फैसला लेना गलत है। लॉकडाउन तुरंत हटना चाहिए। नहीं तो भुखमरी से ज्यादा लोग मरेंगे। ”

इसके अलावा जस्टिस  काटजू ने एक ट्वीट में लिखा ,” सारे देश की हालत बंटाधार हो गई है। सब तरफ अफरा तफरी मची हुई है। लोग भूखे मर रहे हैं। जनता त्राहि त्राहि चिल्ला रही है। मगर इस सरकार पर जूं नहीं रेंग रही है। “

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