BrijBhushan Sharan Singh Case: बीजेपी से यूपी के केसरगंज से सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण के आरोप तय हो गए हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की 1500 की चार्जशीट का संज्ञान लेते हुए पूर्व WFI प्रमुख के खिलाफ कई धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं।
महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण के आरोप में भारतीय जनता पार्टी के सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने शुक्रवार को सिंह के खिलाफ आरोप तय किए हैं। कोर्ट ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवानों की शिकायत के आधार पर 15 जून 2023 को चार्जशीट दाखिल की थी। केसरगंज से बीजेपी सांसद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354 A, 354D और 506 के तहत आरोप लगाए गए थे।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट की ACMM प्रियंका राजपूत ने पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ आदेश पारित किया है। कोर्ट ने सिंह पर यौन शोषण के साथ किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप तय किया है। बृजभूषण पर साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित पांच महिला पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे। 18 जून 2023 को पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत 30 से अधिक महिला और पुरुष पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए दिल्ली के जंतर मंतर मैदान पर धरना प्रदर्शन किया था। जिसके एक साल बाद अब कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए आरोप तय किए हैं।
पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर छह महिला पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे। जिनमें से एक नाबालिग महिला पहलवान ने आरोप वापस ले लिया था। आरोप लगने के बाद दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354 A, 354D मामला दर्ज किया था। सिंह के साथ-साथ यौन शोषण के सह-आरोपी विनोद तोमर के खिलाफ आईपीसी की धारा 109,354, 354 A और 506 के तहत आरोप लगाए गए।
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 7 गवाहों ने ब्यान दिया है। जिस जगह पर कथित यौन शोषण किया गया था, वहां बृजभूषण शरण सिंह की मौजूदगी के सबूत मिले हैं।
अब आरोप तय होने के बाद बृजभूषण शरण सिंह के राजनीतिक करियर पर पूर्ण विराम लग सकता है। क़ानूनी जानकारों के अनुसार, बृजभूषण शरण सिंह पर जो आरोप लगे हैं ,अगर वे अदालत में साबित हो जाते हैं तो उनका राजनीतिक करियर बर्बाद हो सकता है।
क़ानूनी जानकारों के अनुसार,अगर किसी व्यक्ति पर धारा 354 का रूप साबित हो जाता है तो उसे जमानत तक नहीं मिलती है। अदालत में आरोप साबित होने पर दोषी को कम से कम एक साल और अधिकतम 5 साल की कैद की सजा मिलती है। भारतीय दंड संहिता की धारा 354A में भी ऐसा ही प्रावधान है।
अगर अदालत बृजभूषण शरण सिंह को तीन या तीन साल से अधिक की जेल की सजा सुनाती है तो भारतीय जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत वे छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो जाएंगे। ऐसे में उनका पूरा राजनीतिक करियर तबाह हो जाएगा।
बता दें, लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी ने बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट दिया है। उनकी जगह उनके बेटे करण सिंह को केसरगंज लोक सभा क्षेत्र से टिकट दिया गया है। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि बृजभूषण शरण सिंह को दोबारा इस सीट से बीजेपी का टिकट दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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