डीआरडीओ ने स्वदेशी कोरोनावायरस रोधी दवा बनाई है। इस दवा से COVID 19 मरीज जल्द रिकवर होते हैं। उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट नेगेटिव आता है।
DRDO ने विकसित की कोरोना की दवा
भारत में चल रहे कोरोना संकट के बीच एक राहत भरी खबर आई है। डीसीजीआई ने शनिवार के दिन ड्रग 2-डीऑक्सी डी ग्लूकोज़ ( drug 2-deoxy-D-glucose ) (2-DG) दवा से कोरोनावायरस के इलाज के लिए इमरजेंसी मंजूरी दे दी है। यह दवा कोरोना संक्रमित मरीज के लिए एक वैकल्पिक इलाज होगा। जिन मरीजों पर इस दवा का ट्रायल किया गया है उनकी rt-pcr रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
डीआरडीओ और डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज द्वारा तैयार की गई दवा कोरोना मरीजों में संक्रमण की वृद्धि को रोककर उन्हें तेजी से स्वस्थ करने में मदद करती है। शुरुआती परीक्षण में पता चला कि इस दवा के सेवन से मरीज के ऑक्सीजन स्तर में भी काफी सुधार आता है।
डीसीजीआई ने दी मंजूरी
ड्रग कंट्रोलर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने मई 2020 में कोविड-19 रोधी दवा 2 डीजी के दूसरे फेज का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया था। अक्टूबर 2020 तक चले इस ट्रायल में दवा 2dg को सुरक्षित पाया गया है। इससे कोविड-19 मरीजों को तेजी से ठीक होने में मदद मिली। दूसरे फेज के ट्रायल ‘ए’ और ‘बी’ के तहत किया गया। इसमें 110 कोविड-19 जो को शामिल किया गया। फेस 2 में 6 अस्पतालों के मरीज शामिल थे और फेज 2 बी में 11 अस्पतालों के मरीज शामिल हुए थे ।
दवा की कारगरता
डीआरडीओ और डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज द्वारा निर्मित दवा का दिसंबर 2020 से लेकर मार्च 2021 तक 220 कोरोना मरीजों पर तीसरे फेज का ट्रायल किया गया। यह ट्रायल तमिलनाडु ,तेलंगाना, कर्नाटक ,आंध्र प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात ,पश्चिम बंगाल, यूपी और दिल्ली के अस्पतालों में किया गया। ट्रायल के दौरान तीसरे दिन मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता 42 फीसदी से घटकर 31 फ़ीसदी हो गई । खास बात यह है कि यह दवा 60 साल से ज्यादा उम्र के मरीजों पर भी अच्छा प्रभाव दिखा रही है।
ये भी पढ़ें ,कोरोना के हल्के लक्षण होने पर CT-scan कराने से हो सकता है कैंसर : AIIMS Director Dr. Randeep Guleria
कैसे ली जाती है 2 डीजी दवा ?
https://twitter.com/DRDO_India/status/1390961209776623618
यह यह दवा पाउडर के रूप में मिलती है। इसे पानी में घोलकर मरीज को पिलाना होता है। 2 डीजी दवा सीधे उन कोशिकाओं तक पहुंचती है जहां संक्रमण होता है। यह वायरस के बढ़ने से रोक देती है। प्रयोगशाला की टेस्टिंग में पता चला है कि यह कोरोना वायरस के खिलाफ काफी प्रभावी है। डीआरडीओ ने अपने बयान में कहा कि इसका उत्पादन बहुत ज्यादा मात्रा में आसानी से किया जा सकता है।