Jawaharlal Nehru: आज पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री होने के साथ-साथ उनको अगर आधुनिक भारत का निर्माता कहा जाए तो अतिशियोक्ति नहीं होगी।
देश की आजादी से लेकर भारत को समृद्ध बनाने तक पंडित नेहरू का अहम योगदान रहा है।उनका जन्म 14 नवंबर 1889 को प्रयागराज में मोती लाल नेहरू के घर हुआ था।
Jawaharlal Nehru जयंती
आजादी से पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई है। आजादी की लड़ाई के चलते उन्हें नौ बार जेल जाना पड़ा।
वहीँ, भारत के आजाद होने के बाद जवाहर लाल नेहरू ने शिक्षा ,आर्थिक सुधार, सामाजिक सुधार ,औद्योगिक क्षेत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में अहम काम किए हैं। जवाहर लाल नेहरू ही ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने आधुनिक भारत का निर्माण किया है।लोकसभा चुनाव 2019 में पंडित जवाहर लाल नेहरू किस सीट से खड़े हो रहे हैं ,वोट उन्ही को दूंगी :स्वरा भास्कर
Jawaharlal Nehru ने शुरू की थी पंचवर्षीय योजनाएं
पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपनी दूरदृष्टि से जो पंचवर्षीय योजनाएं बनाई ,उनसे देश को आज भी लाभ मिल रहा है। पहली पंचवर्षीय योजना 1951 से 1956 तक लागू हुई। इस योजना के दौरान देश की विकास दर 3.6 प्रतिशत दर्ज की गई।भारत बनाम पाक मैच हारने के बाद छलका फैन का दर्द ,स्वरा भास्कर ने दिया जवाब
Jawaharlal Nehru बने प्रधानमंत्री
जवाहर लाल नेहरू ने मजबूत लोकतंत्र बनाने में भी अहम भूमिका निभाई है। देश में पहली बार आम चुनाव 1952 में हुए थे। जवाहर लाल नेहरू लोकतंत्र में पूर्ण आस्था रखते थे। आम चुनाव 1957 और 1962 में जीत के बाद भी उन्होंने विपक्ष को पूरा सम्मान दिया। नेहरू विपक्षी नेताओं द्वारा की गई आलोचनाओं का कभी बुरा नहीं मानते थे।धारा 370 हटाकर मोदी सरकार ने लिया ऐतिहासिक फैसला, जानिए अब आगे क्या होगा
जवाहर लाल नेहरू चाहते थे कि आजाद भारत किसी भी देश के दबाव में न आये और उसकी एक अलग पहचान बने। इसके लिए उन्होंने पंचशीलता का सिद्धांत बनाया।
Jawaharlal Nehru का गुटनिरपेक्षता का सिद्धांत
जवाहर लाल नेहरू ने ‘गुटनिरपेक्षता’ को बढ़ावा दिया। गुटनिरपेक्षता का मतलब यह होता है कि भारत किसी भी गुट की नीतियों का समर्थन नहीं करेगा और अपनी स्वतंत्र विदेश नीति बरकरार रखेगा।जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म करने पर बौखलाया पाकिस्तान, दी ये धमकी
जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल में जब दक्षिण भारत में अलग देश बनाने की मांग उठी तो उन्होंने देश की अखंडता और एकता के लिए अहम फैसला लिया। द्रविड़ कड़गम पहली गैर राजनीतिक पार्टी थी जिसने ‘द्रविड़नाडु’ देश बनाने की मांग उठाई थी।इस देश को बनाने के लिए आंदोलन हुए।
जवाहर लाल नेहरू ने 5 अक्टूबर 1963 को संविधान का 16 वां संशोधन पेश कर देश के टुकड़े होने से बचाया। इसी संशोधन के साथ ‘अलगावादियों’ के सपने धराशायी हो गए।