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जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, पूछा- तालिबान आतंकी संगठन है या नहीं

जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला और अमर अब्दुल्ला ने एक मीटिंग में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से तालिबान को लेकर अपना रुख स्पष्ट करने के बारे में पूछा है।

जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला और अमर अब्दुल्ला ने एक मीटिंग में केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से तालिबान को लेकर अपना रुख स्पष्ट करने के बारे में पूछा है।

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य डॉक्टर फारूक अब्दुल्लाह और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार के दिन कहा कि अगर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होते हैं तो नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू कश्मीर में सबसे बड़ी पार्टी होगी। इसी बीच उन्होंने केंद्र सरकार से तालिबान को लेकर अपना रुख स्पष्ट करने की भी बात कही है।

पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया है कि तालिबान एक आतंकी संगठन है या नहीं। कृपया इसके बारे में स्पष्ट करें। अब्दुल्ला का कहना है कि केंद्र सरकार तालिबान को कैसे देखता है? उन्होंने एक ट्वीट करके आतंकी समूह से बात करने पर भी जोर दिया है। पूर्व सीएम ने कहा अगर वह (तालिबान) एक आतंकी समूह है तो आप उनसे बात क्यों कर रहे हैं? यदि नहीं है तो आप संयुक्त राष्ट्र जाएंगे और क्या इसे आतंकवादी संगठन के रूप में सूची से हटा दिया जाएगा? अपना मन बना ले।

आपको बता दें कि नेंका अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य डॉक्टर फारुख अब्दुल्ला ने मंगलवार को दिन कहा था कि अगर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होते हैं तो नेशनल कॉन्फ्रेंस  जम्मू कश्मीर में सबसे बड़ी पार्टी होगी।

डॉक्टर फारूक ने कहा कि जो किया उसके लिए केंद्र सरकार जवाब दे है। उन्हें लोगों के लिए काम करना होगा। उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर में हुए 2018 में पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाई थी । डॉक्टर फारुख अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि सरकारी अधिकारी आम जनता के फोन नहीं उठाते हैं।

उन्होंने उपराज्यपाल से सरकारी अधिकारियों को यह आदेश देने के लिए कहा कि लोक सेवक है और लोगों के प्रति जवाबदेह हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि जम्मू-कश्मीर में जल्द ही एक निर्वाचित सरकार होगी जो सरकारी अधिकारियों के को जवाबदेह बनाएगी।

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