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वाराणसी चुनाव में मोदी के खिलाफ खड़े हो रहे हैं पूर्व जज पूर्व जवान पुजारी और किसान राह नही है आसान

बीएचयू के प्रोफेसर विश्वंभरनाथ मिश्रा और पूर्व न्यायाधीश सी एस कर्णन और गंगा का सफाई अभियान चलाने वाले वाराणसी के संकट मोचन मंदिर के पुजारी मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।

बीएचयू के प्रोफेसर विश्वंभरनाथ मिश्रा और पूर्व न्यायाधीश सी एस कर्णन और गंगा का सफाई अभियान चलाने वाले वाराणसी के संकट मोचन मंदिर के पुजारी मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।

देश के सबसे हॉट सीट मानी जाने वाली संसदीय सीट वाराणसी से इस बार प्रधानमंत्री मोदी का चुनाव लड़ना इतना आसान नहीं होगा जितना 2014 में था। लोकसभा चुनाव 2014 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुख्य रूप से अरविंद केजरीवाल थे। मोदी ने ये चुनाव तीन लाख से भी ज्यादा मतों से जीता था।

इस बार प्रधान मंत्री मोदी के खिलाफ बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव ,जिनको खाने की शिकायत करने पर बॉर्डर सिक्योरिटी फाॅर्स से बर्खास्त कर दिया गया था ,चुनाव लड़ रहे हैं। तेज बहादुर ने कहा कि मैं जवानों की समस्या के मुद्दे को उठाना चाहता हूं। प्रधान मंत्री के खिलाफ वाराणसी से खड़ा होने पर मुझे लगता है कि मेरी आवाज सुनी जाएगी।

मोदी के खिलाफ वाराणसी से पूर्व जज सी एस कर्णन और मोदी के हमशक्ल अभिनंदन पाठक भी पर्चा भर रहे हैं। जस्टिस कर्णन को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के मामले में दोषी ठहराया हुआ है।

तेलंगाना के नलगोंडा और आंध्रप्रदेश के प्रकाशम से फ्लोरोसिस से पीड़ित भी प्रधान मंत्री के खिलाफ चुनावी पर्चा भर रहे हैं। ये लोग भूजल में फ्लोराइड के मिश्रण के मुद्दे पर आंदोलन कर रहे हैं।

मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने वालों में भीम आर्मी के मुखिया चंदरशेखर आजाद को सबसे गंभीर उम्मीदवार माना जा रहा है। चंदरशेखर आजाद ने 30 मार्च को वाराणसी में रोड शो भी किया था। इस रोड शो में बड़ी संख्या में युवाओं और दलितों ने हिस्सा लिया था।

आपको बता दें ,ये सभी उम्मीदवार चुनाव जीतने को लेकर कम, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में ज्यादा हैं। किसान,जवान,पुजारी और पूर्व जज वाराणसी से प्रधान मंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लडकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। वाराणसी में 19 मई को मतदान होना है।

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