भारतीय वायुसेना में आज चार अमरीकी चिनूक हेलीकॉप्टर शामिल ,जानिए इसकी विशेषताएं

सोमवार को भारतीय वायुसेना में चार अमरीकी चिनूक हेलीकॉप्टर शामिल किए गए। बोइंग सीएच 47-एफ  अमरीकी सेना और अंतराष्ट्रीय सुरक्षा बलों के लिए एक बहु-मिशन हेलीकॉप्टर है।

  1. इस हेलीकॉप्टर का नाम अमरीकी  मूल के वाशिंगटन राज्य के चिनूक लोगों के नाम पर इसका नाम है।
  2. चिनूक हेलीकॉप्टर ने21 सितम्बर 1961 को अपनी पहली उड़ान भरी थी।1962 में अमीरीकी सेना में शामिल किया गया।
  3. 2012 तक 1,200 से अधिक चिनूक बनाए गए हैं।
  4. इसमें पूरी तरह से एकीकृत, डिजिटल कॉकपिट प्रबंधन प्रणाली है।
  5. इसमें कॉमन एविएशन आर्किटेक्चर कॉकपिट और उन्नत कार्गो-हैंडलिंग क्षमताएं हैं।
  6. चिनूक अमेरिकी सेना, यूएस आर्मी रिजर्व, नेशनल गार्ड, और कनाडा, यूनाइटेड किंगडम, नीदरलैंड, जापान, इटली, ग्रीस, स्पेन, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और 19 से अधिक देशों द्वारा उपयोग किए जाने वाला एक बहु-मिशन विमान है।
  7. इसकी लागत 38.55 मिलियन अमरीकी डालर प्रति यूनिट है।
  8. चिनूक दुनिया भर के 19 देशों के सशस्त्र बलों की सेवा में है।
  9. चिनूक राहत आपूर्ति और शरणार्थियों के बड़े पैमाने पर निकासी जैसे मिशनों में मानवीय आपदा-राहत कार्यों के लिए पसंद का हेलीकॉप्टर है।
  10. इसका प्राथमिक मिशन सेना, तोपखाने, उपकरण और ईंधन को लाना और ले जाना है। 

    चंडीगढ़ में चिनूक हेलीकॉप्टर के भारतीय वायुसेना में शामिल  करते समय समारोह में एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा,”देश के सामने कई सुरक्षा चुनौतियां हैं। हमें एक विविध इलाके में ऊर्ध्वाधर लिफ्ट क्षमता की आवश्यकता है।”

    
    

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