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2002 के दंगों में पीएम नरेंद्र मोदी को सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिलने के एक दिन बाद गुजरात एटीएस ने तीस्ता सीतलवाड़ को अरेस्ट किया

गुजरात में 2002 में हुए दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 63 अन्य को सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई है। क्लीन चिट मिलने के एक दिन बाद गुजरात एटीएस ने शनिवार के दिन सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को मुंबई स्थित उनके आवास से एनजीओ से जुड़े एक विदेशी फंड मामले में हिरासत में लिया।

गुजरात में 2002 में हुए दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 63 अन्य को सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई है। क्लीन चिट मिलने के एक दिन बाद गुजरात एटीएस ने शनिवार के दिन सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को मुंबई स्थित उनके आवास से एनजीओ से जुड़े एक विदेशी फंड मामले में हिरासत में लिया।

तीस्ता सीतलवाड़ गिरफ्तार

गुजरात एटीएस ने शनिवार के दिन तीस्ता सीतलवाड़ को मुंबई स्थित उनके घर से विदेशी फंड से जुड़े मामले में हिरासत में लिया है। 2002 के दंगों के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 63 अन्य को क्लीन चिट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीस्ता सीतलवाड़ सहयाचिकाकर्ता थी। शुक्रवार के दिन सुप्रीम कोर्ट ने दंगे के मामले में याचिका को खारिज करते हुए तीस्ता सीतलवाड़ का नाम भी लिया और कहा कि तीस्ता के खिलाफ और जांच की जरूरत है।

अमित शाह के इंटरव्यू के बाद हरकत में आई एटीएस

गुजरात एटीएस का यह कदम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा न्यूज़ एजेंसी एएनआई के साथ अपने इंटरव्यू में तीस्ता सीतलवाड़ की आलोचना करने के कुछ घंटे बाद आया है। गृह मंत्री अमित शाह ने एएसआई को दिए इंटरव्यू में कहा था कि पिस्ता के एनजीओ ने गुजरात दंगों के बारे में आधारहीन जानकारी दी थी। वही, तीस्ता सीतलवाड़ के वकील ने कहा कि पुलिस उनके घर में घुस गई है और उनके साथ मारपीट की सबसे पहले याचिकाकर्ता को सांताक्रुज पुलिस थाने में ले जाया गया जहां से उसे अहमदाबाद शहर थाने ले जाया गया।

अमित शाह ने एक इंटरव्यू में समाचार एजेंसी एएनआई को कहा,” मैंने फैसले को बहुत ध्यान से पढ़ा। फैसले में स्पष्ट रूप से तीस्ता सीतलवाड़ के नाम का उल्लेख है। उनके द्वारा चलाए जा रहे गैर सरकारी संगठन मुझे ‘एनजीओ का नाम तो याद नहीं है’ ने पुलिस को दंगों के बारे में आधारहीन जानकारी दी थी।

जाकिया जाफरी की अपील खारिज

सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को गुजरात हिंसा में मारे गए कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी की अपील को खारिज कर दिया और कहा कि अपील आधारहीन थी। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने गुजरात दंगों के मामले में मोदी को विशेष जांच दल या एसआईटी की 2012 की क्लीन चिट को बरकरार रखते हुए कहा कि मामले में सह-याचिकाकर्ता सीतलवाड़ ने जाकिया जाफरी की भावनाओं से खिलवाड़ किया।

आपको बता दें, फरवरी 2002 में ट्रेन के एक डिब्बे में आग लगने से दंगों में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित कुल 67 लोग मारे गए थे। जिसमें 59 तीर्थयात्री के। एक दशक बाद सीट की रिपोर्ट में गुलबर्ग सोसाइटी मामले में कोई कदम चलाने योग्य सबूत नहीं होने का हवाला देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी है।

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