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व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी से उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा? जानिए सवालों के जवाब

व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी से उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा? जानिए सवालों के जवाब

फोटोः व्हाट्सएप

भारत ने व्हाट्सएप के 34 करोड से भी अधिक यूजर्स है। व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर पिछले काफी दिनों से चर्चा चल रही है।

भारत में व्हाट्सएप बहुत ज्यादा लोकप्रिय है। नई प्राइवेसी पॉलिसी में व्हाट्सएप यूजर्स से नई डाटा शेयरिंग पॉलिसी से सहमत होने को कहा गया है। जिसके बिना आप ऐप का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इसके तहत फेसबुक के साथ व्यवसायिक बातचीत का डाटा शेयर करने की अनुमति दी गई है।

मैसेजिंग ऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी बहस का मुद्दा बन गया है। क्योंकि कोई भी डाटा शेयरिंग के इस विकल्प को अस्वीकार नहीं कर सकता है। व्हाट्सएपकी नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर यूजर बेहद आशंकित है। जिसको लेकर कुछ प्रश्न उपभोक्ताओं के दिमाग में चल रहे हैं।

व्हाट्सएप प्राइवेसी पॉलिसी मामले में भारत सरकार क्या कार्रवाई कर रही है ?

इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना तकनीकी मंत्रालय ने व्हाट्सएप से संपर्क साध कर यह कहा है कि वह अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव न करें। इस पर व्हाट्सएप ने कहा कि इस मामले में पारदर्शिता बरतते हुए और बिजनेस अकाउंट से संवाद करने को लेकर एक नए विकल्प होंगे। ताकि बेहतर तरीके से अपने ग्राहकों की सेवा कर सके।

नई प्राइवेसी पॉलिसी से यूजर पर क्या असर पड़ेगा ?

अगर यूजर्स की नजर से माना जाए तो इसका सबसे बड़ा प्रभाव फेसबुक या उसके अन्य ज्यादा टारगेटेड विज्ञापनों का होगा। यानी आपकी पसंद नापसंद और अन्य बातों के आधार पर ऐड दिखाए जाएंगे। फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर आपकी ब्राउजिंग सर्च हिस्ट्री के आधार पर विज्ञापन दिखाए जाएंगे।

इसके अलावा अगर किसी कारोबार या कंपनी जैसे मेकमायट्रिप, क्रोमा, बुकमायशो आदि से व्हाट्सएप चैट करेंगे तो फेसबुक आपका ज्यादा डाटा शेयर कर सकता है। ताकि साझेदार अपने प्लेटफार्म पर खास तरह की सेवाएं पेश कर सके।

क्या व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करना अनिवार्य है?

अभी तक 15 मई से लागू होने वाली नई प्राइवेसी पॉलिसी से बाहर रहने का विकल्प नहीं चुना जा सकता। व्हाट्सएप ने यह नहीं बताया कि अगर आप इसे स्वीकार नहीं करते तो क्या होगा। हालांकि उसने आश्वासन दिया है कि कोई भी अकाउंट बंद नहीं किया जाएगा।

किन उपभोक्ताओं का डाटा शेयर किया जाएगा ?

नई प्राइवेसी पॉलिसी के तहत मोबाइल उपकरण से जुड़ी जानकारी जैसे उसका ऑपरेटिंग सिस्टम, फोन मॉडल, स्क्रीन रेजोल्यूशन, आईपी ऐड्रेस, भाषा और लोकेशन आदि।अगर यूजर्स किसी बिजनेस अकाउंट से संवाद नहीं करने का चुनाव करता है तो मैटर डाटा को छोड़कर उसका कोई भी डाटा फेसबुक के साथ शेयर नहीं किया जाएगा।

दूसरे विकल्प

बता दे व्हाट्सएप के दुनिया भर में 2 अरब से भी अधिक उपभोक्ता है। अगर आप व्हाट्सएप की जगह दूसरा कोई विकल्प तलाश रहे हैं तो सिग्नल और टेलीग्राम जैसे ऐप है। सिगनल एप प्राइवेसी को लेकर बेहद सतर्क है। टेलीग्राम के मिक्स फीचर्स है, उसमें भी निजी संवाद करने का विकल्प है।

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