पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने बंद कमरे में साल 2017 में सुनवाई के बाद जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई थी।
अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव(Kulbhushan Jadhav ) से जुड़े मामले में आज बुधवार को अपना फैसला सुनाएगा। पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा दबाव वाले कबूलनामे के बाद मौत की सजा सुनाने के बाद भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में चुनौती दी थी। अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने बंद कमरे में कुलभूषण जाधव को मौत की सजा देने का फैसला सुनाया था।
इस सजा पर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। नीदरलैंड में ‘द हेग’ के पीस पैलेस में बुधवार को भारतीय समयानुसार शाम 6 बजकर 30 मिनट पर सार्वजनिक सुनवाई होगी। जिसमें अदालत के प्रमुख न्यायाधीश ‘अब्दुलकावी अहमद यूसुफ’ फैसला पढ़कर सुनाएंगे।
कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav ) मामले में फैसला आने से करीब 5 महीने पहले अदालत के प्रमुख न्यायाधीश ‘अब्दुलकावी अहमद यूसुफ’ अध्यक्षता वाली ‘आईसीजे’ की 15 सदस्यीय पीठ ने भारत और पाकिस्तान की मौखिक दलीलें सुनने के बाद 21 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस केस में कार्यवाही पूरी होने में 2 साल 2 महीने का समय लग गया।
पाकिस्तना के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ‘मोहम्मद फैसल’ ने कहा कि पाकिस्तान ने इस केस में अपना पक्ष ज़ोरदार तरीके से रखा। वहीं भारत सरकार ने कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुंच देने से इंकार पर पाकिस्तान सरकार द्वारा ‘वियना संधि’ के प्रावधानों का खुलेआम उलंघन के लिए 8 मई 2017 को आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था। आईसीजे ने नई 18 मई 2017 को पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा दी गई मौत की सजा पर रोक लगा दी थी। जाधव केस में आईसीजे के सामने भारत और पाकिस्तान ने अपना-अपना पक्ष रखा था। इस मामले में भारत का पक्ष रखने वाले हरीश साल्वे ने पाकिस्तान की सैन्य अदालत के कामकाज सवाल उठाए थे। साल्वे ने दबाव वाले कबूलनामे पर आधारित जाधव की मौत की सजा निरस्त करने का संयुक्त राष्ट्र की इस अदालत से अनुरोध किया था। जिसका फैसला आज आएगा।