Site icon 4pillar.news

कमाल आर खान ने कहा-क्या हिटलर भक्तों की मौसी का बेटा था,जो मुझे अब्यूज करते हैं

फिल्म विश्लेषक और निर्देशक कमाल आर खान ने एक सोशल मीडिया पर अपनी बेबाक राय रखते रहते हैं । उनका मानना है कि जब तक लोग उनके बारे में अच्छी या बुरी बात नहीं कहते तब तक उन्हें अच्छा महसूस नहीं होता है ।

फिल्म विश्लेषक और निर्देशक कमाल आर खान ने एक सोशल मीडिया पर अपनी बेबाक राय रखते रहते हैं । उनका मानना है कि जब तक लोग उनके बारे में अच्छी या बुरी बात नहीं कहते तब तक उन्हें अच्छा महसूस नहीं होता है ।

कमाल राशिद खान का ट्रोल करने वालों पर निशाना

कमाल राशिद खान ने एक के बाद एक ट्वीट ट्वीट करते हुए नपे तुले शब्दों में देश के एक सर्वोच्च नेता की तुलना हिटलर से कर डाली है । जिसके लिए उन्हें ट्रोल भी होना पड़ रहा है । कमाल खान ने अपने ट्वीट में हिटलर का जिक्र किया और बताया कि तानाशाह ने कैसे पद से बर्खास्त होने से पहले वर्ल्ड वॉर शुरू कर दिया था ।

हिटलर के खिलाफ बोलने वाला देशद्रोही

कमाल खान ने अपने ट्वीट में लिखा ,” हिटलर पांचवीं कक्षा में फेल था और पेंट बेच रहा था। वह जर्मनी का शासक बन गया। उसने जर्मनों को आश्वस्त किया कि वह असली देशभक्त है। उन्होंने यहूदी राष्ट्रप्रेमियों को देश विरोधी कहकर मारना शुरू कर दिया। यहां तक ​​कि उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि अगर कोई उनके खिलाफ है, तो वह #DeshDrohi है।”

https://twitter.com/kamaalrkhan/status/1365188881545523200

अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा ,” जब उन्होंने संभावनाएं देखीं कि लोग उन्हें सत्ता से बाहर करने जा रहे हैं, तो उन्होंने विश्व युद्ध शुरू कर दिया। अंत में उस पर अंकुश लगा और फिर उसने खुद को गोली मार ली। मतलब अंत में उसने अपने गलत कामों के लिए कीमत चुकाई। मुझे विश्वास है कि इतिहास फिर से दोहराएगा।”

https://twitter.com/kamaalrkhan/status/1365190758009950208

 क्या हिटलर भक्तो की मौसी का बेटा था ?

” मैं वास्तव में यह नहीं समझ सकता कि देश में अभी क्या चल रहा है। जब भी मैं हिटलर के बारे में बात करता हूं, भक्त मुझे गाली देना शुरू कर देते हैं। क्यों? क्या हिटलर भक्तो की मौसी का बेटा था ? पूरी दुनिया के लोग हिटलर से नफरत करते हैं लेकिन भक्त उससे प्यार करते हैं। क्यों ?”  इस तरह कमाल खान ने बिना किसी का नाम लिए देश के वर्तमान हालात पर अपनी राय रखी ।

Exit mobile version