बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत और बीएमसी के बीच विवाद पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार के दिन फैसला सुनाया । हाई कोर्ट ने सार्वजनिक मंच पर कंगना रनौत को विचारों में संयम बरतने की सलाह दी है ।
मणिकर्णिका अभिनेत्री और बीएमसी के बीच विवाद हुए विवाद पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने कंगना रनौत के पक्ष फैसला सुनाया है । हाई कोर्ट ने कहा कि इस बात का प्रमाण है कि ढांचा पहले से मौजूद था । बीएमसी ने गलत इरादे से करवाई की है । बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीएमसी के ध्वस्तीकरण के फैसले को निरस्त कर दिया है । कोर्ट ने कंगना रनौत को हुए नुकसान मूल्यांकन करने के लिए मूल्यांकन कर्ता नियुक्त करने की बात कही है ताकि सही मुआवजा निर्धारित किया जा सके ।
उच्च न्यायालय ने सार्वजनिक मंच पर कंगना रनौत को अपने विचारों को रखने में संयम बरतने के लिए कहा है । कोर्ट ने ये भी कहा कि किसी राज्य द्वारा किसी नागरिक द्वारा की गई गैर जिम्मेदाराना टिपण्णियों को को नजरअंदाज किया जाता है ।
बता दें ,बीएमसी ने 9 सितंबर 2020 को कंगना रनौत के बंगले का एक हिस्सा गिरा दिया था । जिसके बाद कंगना रनौत ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र सरकार और शिवसेना के खिलाफ उनकी तरफ से दिए गए ब्यानों के कारण बीएमसी ने यह कार्रवाई की है ।दूसरी तरफ बीएमसी का दावा था कि कंगना रनौत ने अवैध निर्माण किया था ।
बीएमसी ने कंगना रनौत के ऑफिस में 14 उल्लंघनों को सूचीबद्ध किया था । जिसमें से टॉयलेट की जगह ऑफिस बनाने की भी बात कही थी ।