बाबा आमटे की पोती और सामाजिक कार्यकर्ता शीतल आमटे-करजगी ने सोमवार को आत्महत्या कर ली। शीतल ने चंद्रपुर जिले में अपने निवास पर आनंदवन में आत्महत्या की है।
बाबा आम्टे की पोती, शीतल एक भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, विकलांगता विशेषज्ञ और सामाजिक उद्यमी थीं। वह मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और एक गैर-लाभकारी संगठन, महारोगी सेवा समिति के बोर्ड की सदस्य थी ,जो कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों की मदद करने पर केंद्रित है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शीतल आमटे करगजी ने खुद को जहर का टीका लगाकर जान दे दी है। कुछ दिन पहले उन्होंने आमटे महारोगी सेवा समिति में घोटाले की बात कही थी । वह पिछले काफी सालों से अपने पति और परिवार के साथ मिलकर कुष्ठ रोगियों की सेवा कर रही थी।
शीतल विकास आमटे और भारती आमटे की बेटी थी। वह डॉक्टर प्रकाश आमटे की भतीजी थी ।
7 दशक से भी अधिक समय से चंद्रपुर जिला के अरोरा तहसील के आनंदवन में बाबा आमटे का परिवार कुष्ठ रोगियों की सेवा कर रहा है। शीतल आमटे ने कुछ दिन पहले फेसबुक लाइव के जरिए आनंदवन में आर्थिक घोटाले पर चर्चा की थी। परिवार वालों ने शीतल के इस कदम का विरोध किया था और कहा था कि वह गलतफहमी का शिकार है। जिसके बाद शीतल ने फेसबुक से वीडियो को डिलीट कर दिया था ।
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