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मेजर अनूप मिश्रा ने भारतीय सेना के जवानों को स्नाइपर हमलों से बचाने के लिए बनाई बुलेटप्रूफ जैकेट

पूर्ण शरीर की सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट को पुणे के मिलिट्री इंजीनियरिंग कॉलेज में विकसित किया गया है। जैकेट विकसित करने वाले मेजर अनूप मिश्रा ने बताया कि हमने केवल चार बुलेटप्रूफ जैकेट विकसित की

फुल बॉडी बुलेटप्रूफ जैकेट बनाने के लिए मेजर अनूप मिश्रा को मिला अवॉर्ड।

मेजर अनूप मिश्रा ने भारतीय सेना के जवानों को स्नाइपर हमलों से बचाने के लिए फुल बॉडी प्रोटेक्शन बुलेटप्रूफ जैकेट बनाई।

पूर्ण शरीर की सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट को पुणे के मिलिट्री इंजीनियरिंग कॉलेज में विकसित किया गया है। जैकेट विकसित करने वाले मेजर अनूप मिश्रा ने बताया कि हमने केवल चार बुलेटप्रूफ जैकेट विकसित की हैं।

सीमा पार से स्नाइपर राइफल से घात लगाकर किए जाने वाले हमलों से भारतीय सेना के जवानों को बचाने के लिए आर्मी के मेजर ने बुलेटप्रूफ जैकेट विकसित की है। ये जैकेट स्नाइपर राइफल से चलाई जाने वाली गोलियों को प्रभावी ढंग से रोक सकती है। खुद सेना के मेजर ने इस जैकेट को उस समय पहना हुआ था जब उन पर जम्मू-कश्मीर में तैनाती के दौरान दागी गई।

मेजर मिश्रा के अनुसार इस बुलेटप्रूफ जैकेट पर 10 मीटर की दुरी से किए जाने वाले स्नाइपर हमले का कोई असर नहीं होता है। ये जैकेट स्नाइपर राइफल से दागी जाने वाली गोलियों से पुरे शरीर को सुरक्षा प्रदान करती है। ऐसी जैकेट बनाने वाला भारत दुनिया का तीसरा देश बन गया है।

जब मेजर अनूप मिश्रा से ये पूछा गया कि ऐसी जैकेट बनाने की जरूरत क्यों पड़ी ? इस पर मेजर मिश्रा ने जवाब देते हुए कहा,” नियंत्रण रेखा और कश्मीर घाटी में स्नाइपर हमलों को देखते हुए जवानों के पुरे शरीर को सुरक्षा कवच देने की जरूरत महसूस हुई। ” उन्होंने कहा कि इस जैकेट को सेना की तरफ टेस्टिंग पैमाने पर परखा जा चूका है।

मेजर अनूप मिश्रा के इस कदम की सराहना करते हुए आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने दिल्ली में मेजर को ‘आर्मी डिजाइन ब्यूरो एक्सीलेंस’ अवॉर्ड से सम्मानित किया है।

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