जम्मू कश्मीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में की गई कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है। केंद्र सरकार ने देश के सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दी है। बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश सहित देश के कई राज्यों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। हिंसा को रोकने के लिए पुलिस को ‘मॉक ड्रिल’ करने का निर्देश दिया गया है।
Mission Kashmir में सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए गए है। अर्धसैनिक बलों को लगभग एक हजार कंपनियां घाटी में तैनात हैं। कुल एक लाख जवान राज्य में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में इससे पहले सुरक्षा बलों की इतनी भारी तादाद में पुलवामा हमले के बाद और बालाकोट एयर स्ट्राइक से पहले की गई थी।
#UPDATE: Union Cabinet meeting at 7 Lok Kalyan Marg concludes. https://t.co/1a0QUihpZL
— ANI (@ANI) August 5, 2019
सूत्रों के अनुसार घाटी में आतंकी हमले की ख़ुफ़िया रिपोर्ट मिलने के बाद 100 अर्धसैनिक बलों की कंपनियों को तैनात किया गया। आज से दो दिन पहले 80 और कंपनियों को भेजा गया था। अमरनाथ यात्रियों और सैलानियों को घाटी छोड़ने निर्देश पहले ही दिया जा चूका है। उनकी सुरक्षा में लगाई गई अर्धसैनिक बलों की 320 कंपनियों को घाटी की सुरक्षा में तैनात कर दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर को लेकर अटकलों का दौर जारी है। इसी बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ‘महबूबा मुफ़्ती’ ,’उमर अब्दुल्ला’ और अलगाववादी नेता ‘सज्जाद लोन’ को घर पर ही नज़रबंद कर दिया गया है। कश्मीर में धारा 144 लागू कर दी गई है। मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है।