मोबिक्विक का डाटा भारतीय सर्वर से लीक हुआ है। जिसमें एक करोड़ भारतीय यूजर्स का डाटा भी शामिल है। इसमें उपयोगकर्ताओं की निजी जानकारी शामिल है ।
टेक नाडु की रिपोर्ट के अनुसार, ईमेल आईडी, फोन नंबर, पासवर्ड, एप्लीकेशन (इंस्टॉल हुई ) फोन निर्माता, आईपी ऐड्रेस, जीपीएस लोकेशन और उपयोगकर्ताओं के अन्य विवरण Mobikwik के सर्वर से लीक हो गए हैं । रिपोर्ट में बताया गया है कि कि कथित विक्रेता ने एक डार्क वेब पोर्टल बनाया हुआ है। जहां कोई भी व्यक्ति फोन नंबर या ईमेल आईडी से खोज सकता है। यह कुल 8.2 जीबी डाटा है ।
मोबिक्विक के 3.5 यूजर्स का डाटा लीक होने का मामला सामने आया है। जिसमें व्यक्तिगत जानकारी केवाईसी की सॉफ्ट कॉपी (जैसे, पेन आधार कार्ड आदि ) शामिल है। डाटा कथित तौर पर भारत में कंपनी के सर्वर से लीक हुआ है। इसमें 6TB केवाईसी डाटा और 350 जीबी MYSql शामिल है।
डाटा लीक के स्क्रीनशॉट शोधकर्ताओं और ट्विटर यूजर द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर पोस्ट किए गए। शोधकर्ता इलियट एंडरसन नाम ने इसे इतिहास का सबसे बड़ा केवाईसी डाटा लीक बताया है ।
वही मोबिक्विक कंपनी ने फरवरी में इन आरोपों को खारिज कर दिया था । लेकिन सोमवार को डार्क वेब के एक लिंक कथित तौर पर ऑनलाइन देखा गया था। उपयोगकर्ता ने डार्क वेब पर उनके व्यक्तिगत विवरण को देखने का दावा किया है। कई उपयोगकर्ताओं ने मोबिक्विक के डाटा के स्क्रीनशॉट भी साझा किए हैं। जो कि डार्क वेब पर बिक्री के लिए थे। रिपोर्ट के अनुसार यह डाटा 86000 डॉलर में बेचा गया है।
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