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बहुत घमंड में थे पीएम मोदी, मेरा उनसे 5 मिनट में झगड़ा हो गया था, किसान आंदोलन पर बोले मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक

मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक कृषि कानूनों को लेकर लगातार पीएम मोदी सरकार पर हमले कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब मैंने पीएम मोदी से कहा, हमारे 500 लोग मर गए हैं तो उन्होंने कहा मेरे लिए मरे क्या?

मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक कृषि कानूनों को लेकर लगातार पीएम मोदी सरकार पर हमले कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब मैंने पीएम मोदी से कहा, हमारे 500 लोग मर गए हैं तो उन्होंने कहा मेरे लिए मरे क्या?

किसान आंदोलन के डेढ़ साल चलने के बाद पीएम मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेते हुए माफी मांगी थी। कृषि कानूनों को लेकर लगातार पीएम मोदी पर हमलावर रहे राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर हमला बोला है।  उन्होंने हरियाणा के दादरी में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद कहा कि पीएम से मैं मिलने गया तो वह बहुत घमंड में थे। मेरा उनसे 5 मिनट में झगड़ा हो गया था। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस समय उनसे क्या कहा।

 पांच मिनट में हो गया पीएम से झगड़ा

रविवार के दिन मेघालय के गवर्नर हरियाणा के दादरी में किसानों के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इस कार्यक्रम में राज्यपाल मलिक ने कहा कि मैं जब किसानों के मामले में प्रधानमंत्री जी से मिलने गया तो उनसे मेरी 5 मिनट में ही लड़ाई हो गई। वह बहुत घमंड में थे। जब मैंने उनसे कहा कि हमारे 500 लोग मर गए हैं तो उन्होंने कहा कि मेरे लिए मरे हैं क्या? मैंने कहा आपके लिए ही तो मरे थे, जो आप राजा बने हुए हो। फिर उन्होंने कहा कि आप अमित शाह से मिल लो। मैं अमित शाह से मिला।

पद से हटने का नहीं है डर

मलिक ने आगे कहा कि जब मैं पीएम मोदी से मिलने के बाद अमित शाह से मिला तो शाह ने कहा कि जब एक कुत्ता भी मरता है तो प्रधानमंत्री शोक संदेश भेजते हैं लेकिन किसानों की मौत पर हुए चुप रहे। सत्यपाल मलिक जो केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व पर कटाक्ष करते रहे हैं। खासकर किसान मुद्दे पर उन्होंने बार-बार दोहराया कि उन्हें अपने पद से हटने के लिए कहे जाने से डर नहीं लगता है। वह मेघालय में तैनात होने से पहले जम्मू कश्मीर और गोवा के राज्यपाल रह चुके हैं।

रहने के लिए अपना मकान तक नहीं

सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैं राज्यपाल, मंत्री, सांसद और विधायक रह चुका हूं। लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद मेरे पास रहने के लिए अपना मकान तक नहीं है। हमेशा इमानदारी से काम किया है। यही मेरी ताकत है। मैंने इसी ताकत की बदौलत ही पीएम मोदी से पंगा लिया है।

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