पाकिस्तानी वायुसेना के लड़ाकू विमान F-16 को मार गिराने वाले ग्रुप कैप्टेन अभिनंदन वर्धमान को आज वीर चक्र से सम्मानित किया गया है।
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टेन अभिनंदन वर्धमान को आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा वीर चक्र से सम्मानित किया गया है। अभिनंदन ने बालाकोट हवाई हमले के एक दिन बाद 27 फरवरी 2019 को पाकिस्तानी वायुसेना का F-16 लड़ाकू विमान मार गिराया था। ग्रुप कैप्टेन अभिनंदन को वीर चक्र देने का ऐलान पहले ही किया जा चूका था। इससे पहले इनको पाकिस्तानी हवाई घुसपैठ को रोकने के लिए शौर्य चक्र से भी सम्मानित किया जा चूका है।
सैपर प्रकाश जाधव को कीर्ति चक्र से किया गया सम्मानित
सैपर प्रकाश जाधव को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। उन्होंने जम्मू कश्मीर में आतंकियों को मार गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनकी पत्नी और माता को उनका ये पुरष्कार सौंपा गया।
Delhi: Sapper Prakash Jadhav from Corps of Engineers accorded the second-highest peacetime gallantry award Kirti Chakra (posthumously) for neutralising terrorists in an operation in J&K.
His wife and mother receive the award from President Ram Nath Kovind. pic.twitter.com/zeebN5ZL4h
— ANI (@ANI) November 22, 2021
शहीद नायब सूबेदार को किया गया शोर्य चक्र से सम्मानित
जम्मू कश्मीर में ऑप्रेशन के दौरान A ++ श्रेणी के आतंकवादी को मार गिराने के लिए शहीद नायब सूबेदार सोमबीर को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति ने उनकी पत्नी पत्नी और माँ को उनका ये पुरष्कार सौंपा।
Delhi: Naib Subedar Sombir accorded Shaurya Chakra posthumously for killing an A++ category terrorist during an operation in Jammu and Kashmir.
His wife and mother receive the award from President Ram Nath Kovind. pic.twitter.com/uwBiIu1iUC
— ANI (@ANI) November 22, 2021
अभिनंदन वर्धमान की बहादुरी को देश आज भी करता है सलाम
अगर बात करें अभिनंदन वर्धमान की बहादुरी कि तो उन्होंने 27 फरवरी 2019 को मिग-21 में सवार होने के बावजूद भी LOC की तरफ बढ़ रहे पाकिस्तानी F-16 विमान को मार गिराया था। इस दौरान अभिनन्दन का मिग-21 दुर्घटना का शिकार भी हो गया था और वे पीओके में जा गिरे थे। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बंधक बना लिया था। हालाँकि 2 दिन बाद उन्हें भारत को सौंप दिया गया था। लोग उनकी हिम्मत और बहादुरी को आज भी सलाम करते हैं।