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अपने पैतृक गांव पहुंचते ही भावुक हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, बोले- मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि गांव के मुझ जैसे सामान्य लड़के को देश का सर्वोच्च पद मिलेगा 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार सुबह उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के अपने गांव परौंख पहुंचे। वहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनका स्वागत किया। अपने पैतृक गांव पहुंचते ही राष्ट्रपति बहुत भावुक हो गए।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार सुबह उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के अपने गांव परौंख पहुंचे। वहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनका स्वागत किया। अपने पैतृक गांव पहुंचते ही राष्ट्रपति बहुत भावुक हो गए।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद उत्तर प्रदेश के तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। अपनी यात्रा के दूसरे दिन राष्ट्रपति अपने पैतृक गांव परौंख पहुंचे। इस दौरान लोगो को एक अदभुत नजारा देखने को मिला।

जैसे ही राष्ट्रपति अपनी जन्मभूमि अर्थात अपने पैतृक गांव परौंख में पहुंचे उन्होंने झुककर अपनी जन्भूमि को नमन किया और जन्भूमि की मिट्टी को माथे से लगाया।

राष्ट्रपति भवन की तरफ से राष्ट्रपति की ये तस्वीरें साझा की गई है। राष्ट्रपति ने कहा कि “आज मैं जहां भी पहुंचा हूँ उसका श्रेय इस गांव की मिट्टी, इस क्षेत्र और आपके प्यार और आशीर्वाद को जाता है। बुजुर्गो को माता-पिता की तरहं प्यार देना हमारे संस्कार है और मुझे ख़ुशी है कि यह परंपरा आज भी जारी है ”

राष्ट्रपति भवन की और से किए गए एक अन्य ट्वीट में राष्ट्रपति द्वारा कहा गया है, “मैं कहीं भी रहूं, मेरे गांव की मिटटी की खुश्बू और मेरे गांव के निवसीयो की यादे सदैव मेरे हृदय में विद्यमान रहती हैं। मेरे लिए परौंख एक गांव नहीं है। यह मेरी मातृभूमि है, जहाँ से मुझे आगे बढ़कर सदैव देश सेवा की प्रेरणा मिलती रही”

उन्होंने आगे कहा, “मातृभूमि की इसी प्रेरणा नें मुझे हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट से राज्यसभा, राज्यसभा से राजभवन और राजभवन से राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा दिया”

राष्ट्रपति ने एक अन्य ट्वीट  माध्यम से कहा, “मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा थी कि गांव का मेरे जैसा एक सामान्य बालक को देश के सर्वोच्च पद के दायित्व -निर्वहन का सौभाग्य मिलेगा,लेकिन हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था ने ये कर दिखाया।

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