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RTI खुलासा:हरियाणा सरकार के पास नहीं हैं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की नागरिकता के दस्तावेज़

हरियाणा के पानीपत के रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट पी पी कपूर ने इस बारे में जानकारी पाने के लिए आरटीआई दाखिल की थी। इस आरटीआई में उन्हें जो जवाब मिला वह हैरान कर देने वाला है।

हरियाणा के पानीपत के रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट पी पी कपूर ने इस बारे में जानकारी पाने के लिए आरटीआई दाखिल की थी। इस आरटीआई में उन्हें जो जवाब मिला वह हैरान कर देने वाला है।

सुचना का अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से पता चला कि हरियाणा सरकार के पास सीएम मनोहर लाल खट्टर ,राज्य सरकार के कई कैबिनेट मंत्रियों और राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य की नागरिकता से जुड़े दस्तावेज़ नहीं हैं। 20 जनवरी को पानीपत के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता पी पी कपूर ने इस संबंध में जानने के लिए आरटीआई लगाई थी। इस आरटीआई में उन्हें जो जवाब मिला वह काफी हैरान करने वाला है।

पी पी कपूर की आरटीआई के जवाब में हरियाणा की पब्लिक इंफॉर्मेशन अफसर पूनम राठी ने कहा कि उनके रिकॉर्ड में इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। पूनम राठी ने कहा ,” माननीयों के नागरिकता संबंधी दस्तावेज़ चुनाव आयोग के पास हो सकते हैं। ” आपको बता दें, पिछले साल सितंबर में हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वादा किया था कि वह अवैध प्रवासियों को हरियाणा से निकालने के लिए राज्य में एनआरसी लागू करेंगे।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह बात पूर्व वायुसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा और हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस एच एस भल्ला से मुलाक़ात करने के बाद की थी। उन्होंने कहा था ,” हम हरियाणा में भी असम की तरह एनआरसी लागू करेंगे। ” रिटायर्ड जस्टिस ने मुख्यमंत्री खट्टर को सलाह दी थी कि राज्य से असामाजिक तत्वों बाहर रखने के लिए निवासियों के लिए एक आई डी कार्ड बनाया जाए। जिसके बाद सीएम खट्टर ने कहा था ,” हम भल्ला जी के समर्थन और सुझाव को मद्देनज़र रखते हुए हरियाणा में एनआरसी लागू करेंगे। “

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