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सरकार ने हटाया,SC ने फिर बनाया अलोक वर्मा को सीबीआई चीफ

नई दिल्लीः सीबीआई चीफ अलोक वर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने फिर किया बहाल। सरकार के फैसले को बदला।सरकार ने वर्मा को सीबीआई में आंतरिक आरोप प्रत्यारोप के चलते भेजा था छुट्टी पर। अब सुप्रीम कोर्ट ने अलोक वर्मा को वापिस अपने पद पर रहने का आदेश दिया।

नई दिल्लीः सीबीआई चीफ अलोक वर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने फिर किया बहाल। सरकार के फैसले को बदला।सरकार ने वर्मा को सीबीआई में आंतरिक आरोप प्रत्यारोप के चलते भेजा था छुट्टी पर। अब सुप्रीम कोर्ट ने अलोक वर्मा को वापिस अपने पद पर रहने का आदेश दिया।

हालाँकि अदालत ने सीबीआई चीफ अलोक वर्मा को कोई बड़ा फैसला नहीं लेने की हिदायत दी। आपको बता दें,दो महीने पहले सरकार ने अलोक वर्मा को 23 अक्टूबर 2018 को मध्यरात्रि उनके अधिकार छीनकर जबरदस्ती छुट्टी पर भेज दिया था।

आज मंगलवार 8 जनवरी 2018 को तीन जजों की बेंच जिसकी अगुवाई चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया रजन गोगोई कर रहे हैं ने वर्मा हटाने की सिफारिश करने वाले मुख्य सतर्कता आयोग के आदेश को पलटते हुए अलोक वर्मा को उनके पद पर वापिस जाने का आदेश दे दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा को वापिस अपने पद पर जाने का आदेश देते हुए कहा,कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि बिना किसी उच्च आयोग की जाँच और पूर्व सुचना के सरकार सीबीआई निर्देशक को हटा सके।

केंद्र सरकार ने ये कदम तब उठाया था जब सीबीआई निदेशक अलोक वर्मा और स्पेशल निदेशक राकेश अस्थाना बीच घुस लेकर काम करने के आरोप प्रत्यारोप जगजाहिर हो गए थे। वर्मा और अस्थाना को हटाकर केंद्र सरकार ने एम् नागेश्वर राव को आंतिरक चीफ नियुक्त किया था।

वित्त मंत्री जेटली ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया कि हमने मुख्य सतर्कता आयोग की सिफारिश पर दोनों को छुट्टी पर भेजा था। ये सब सीबीआई की साख बचाने के लिए किया गया। जेटली ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वगात करते हुए कहा हम अदालत के फैसले स्वागत करते हैं ,लेकिन सरकार इस फैसले का अध्ययन करेगी।

FM:This action was taken perfectly bonafide as there were cross-allegations made by both the officers,&in accordance with recommendations of CVC.The govt had felt that in the larger interest of fair&impartial investigation&credibility of CBI,the 2 officers must recuse themselves.— ANI (@ANI) January 8, 2019

वित्त मंत्री जेटली कहा,ये मामला अभी खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा केंद्र सरकार का रवैया किसी के पक्ष या विपक्ष में नहीं है। आरोप लगने के बाद ही सरकार ने सीवीसी की सिफारिश के आधार पर काम किया।

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