टेलीकॉम कंपनी रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी उनके भाई अनिल अंबानी और नौ अन्य व्यक्तियों एवं कंपनियों पर सेबी ने ₹250000000 का जुर्माना लगाया है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने अपने 85 पेज के आदेश में कहा कि रिलायंस इंडस्ट्री के प्रमोटर और मामले में शामिल अन्य संबंधित लोगों ने कंपनी के क़रीब 7 फ़ीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने की बात सही तरीके से नहीं बताई है।
मामला जनवरी 2020 का है । जब 1994 में जारी तीन करोड़ वारंट के कनवर्जन के द्वारा रिलायंस इंडस्ट्री के प्रमोटरों की हिस्सेदारी से 6.83 फ़ीसदी की बढ़त की गई थी। कथित तौर पर यह भी आरोप है कि जिस में प्रमोटरों द्वारा सेबी के रेगुलेशन एक्ट 1997 के नियमों के मुताबिक ओपन ऑफर नहीं लाया गया है। सेबी के नियम के मुताबिक जब कोई प्रमोटर को पांच फ़ीसदी से ज्यादा अतिरिक्त हिस्सेदारी ले रहा हो तो उसे अपनी वित्त वर्ष की माइनॉरिटी इन्वेस्टर के लिए ओपन ऑफर लाना होता है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने अपने आदेश में कहा है कि प्रमोटर ग्रुप और अन्य आरोपियों ने टेकओवर रेगुलेशन 11 (1) का उल्लंघन किया है । सेबी ने इसके लिए मुकेश अंबानी उनके भाई अनिल अंबानी माता कोकिलाबेन अंबानी, नीता अंबानी , टीना अंबानी , रिलायंस इंडस्ट्रीज होल्डिंग , रिलायंस रियल्टी और कई अन्य लोगों और कंपनियों पर ₹250000000 का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना सभी को इकट्ठा करके देना होगा। अगर आदेश के 45 दिन के भीतर जुर्माना नहीं दिया गया तो सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।