देखें,कैसे चांद की सतह पर पड़े विक्रम लैंडर और इसरो की उम्मीदों की तरफ बढ़ रहा है अंधेरा

चांद के दक्षिण ध्रुव पर काली अंधेरी रात होने वाली है। इसके साथ ही इसरो का विक्रम लैंडर से संपर्क करने का सपना भी अंधेरे में गुम हो सकता है। कुछ ही देर बाद विक्रम लैंडर अंधेरे में गुम हो जायेगा। जिसके बाद न तो विक्रम लैंडर से संपर्क हो पाएगा और न ही उसकी तस्वीर ली जा सकेगी। विक्रम लैंडर को लेकर अगले 24 घंटे हैं बहुत अहम, आ सकती है अच्छी खबर

चंद्रमा के उस हिस्से पर जहां विक्रम लैंडर पड़ा हुआ है। वहां अब अंधेरा होने वाला है। जिसके बाद इसरो ही नहीं बल्कि नासा और दुनिया की कोई भी अंतरिक्ष एजेंसी विक्रम लैंडर तस्वीर तक नहीं ले पाएगा। चांद पर 14 दिनों की इस खतरनाक रात में विक्रम लैंडर का सही सलामत रहना बहुत ज्यादा मुश्किल है। चंद्रयान 2: चंद्रमा की सतह पर स्थित हुआ विक्रम लैंडर, इसरो चीफ सिवन ने की सही होने की पुष्टि

चांद के उस हिस्से पर सूरज की रोशनी नहीं पड़ेगी जहां विक्रम लैंडर बेसुध पड़ा है। तापमान घटकर 180 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। इस तापमान में विक्रम लैंडर के इलेक्ट्रॉनिक हिस्से खुद को जीवित नहीं रख पाएंगे। अगर विक्रम लैंडर में ‘रेडीओआईसोटॉप’ लगा होता तो वह खुद को बचा सकता था।

इस यूनिट के जरिए इसे ‘रेडिओएक्टिविटी’ और ठंड से बचाया जा सकता था। यानि अब विक्रम लैंडर से संपर्क साधने या उसकी फोटो लेने की सारी उम्मीदें खत्म होती नजर आ रही हैं। Chandrayaan 2: जानिए क्यों ऑर्बिटर का विक्रम लैंडर से नहीं हो पा रहा है संपर्क

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