Jyoti Malhotra shocking: ज्योति मल्होत्रा से जांच एजेंसियों को मिले ये सबूत

Jyoti Malhotra shocking: ज्योति मल्होत्रा ​​के मामले में जांच एजेंसियों को कई महत्वपूर्ण साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। जो उस पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए कथित तौर पर जासूसी करने के आरोपों की पुष्टि करते हैं।

ज्योति मल्होत्रा के मोबाइल और लैपटॉप से ​​डेटा बरामद

हिसार पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा ​​के तीन मोबाइल फोन और एक लैपटॉप से ​​करीब 12 टेराबाइट डिजिटल फोरेंसिक डेटा बरामद किया है। इस डेटा को फोरेंसिक जांच के लिए मधुबन फोरेंसिक लैब भेजा गया है।

Jyoti Malhotra shocking: पाकिस्तानी अधिकारियों से संपर्क के सबूत

फोरेंसिक रिपोर्ट में ज्योति के मोबाइल से डिलीट किए गए डेटा में पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी दानिश और अन्य पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों (पीआईओ) के साथ बातचीत के सबूत मिले हैं। इनमें कॉल डिटेल और आमने-सामने की चैट शामिल हैं।

सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी साझा करना

ज्योति ने व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए संवेदनशील जानकारी साझा की। खास बात यह है कि ज्योति ने शक से बचने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंट शाकिर का नंबर “जट रंधावा” नाम से सेव कर रखा था।

Jyoti Malhotra shocking: डिजिटल डेटा से पता चला है कि ज्योति ने पाकिस्तान की सकारात्मक छवि बनाने के लिए “नैरेटिव पुश” रणनीति अपनाई थी। यह रणनीति सोशल मीडिया के ज़रिए पाकिस्तान के पक्ष में जनमत तैयार करना था।

पाकिस्तान यात्रा और वीआईपी ट्रीटमेंट

ज्योति ने 2023 में दो बार पाकिस्तान की यात्रा की।  जिसका वीजा, रहने और यात्रा का खर्च पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी दानिश और अन्य आईएसआई एजेंटों द्वारा प्रायोजित किया गया।

ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान में विशेष वीजा और पुलिस सुरक्षा दी गई। जो सामान्य विदेशी पत्रकारों को भी नहीं मिलती। इससे पता चलता है कि आईएसआई द्वारा उसे एक “स्पाई” के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था।

ज्योति ने पाकिस्तान में अली हसन, शाकिर और राणा शाहबाज जैसे आईएसआई एजेंटों से मुलाकात की। इन बैठकों में उसे जासूसी करने और भारत के खिलाफ़ बयानबाजी करने का काम सौंपा गया था।

ज्योति के चार बैंक खातों की जांच

ज्योति के चार बैंक खातों की जांच में संदिग्ध मनी ट्रेल का पता चला है। हिसार पुलिस इन खातों के माध्यम से प्राप्त धन के स्रोत की जांच कर रही है।

जांच एजेंसियों ने ज्योति की विदेश यात्राओं में मदद करने वाली सात कंपनियों की पहचान की है। संदेह है कि ये कंपनियां गुप्त जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकती हैं।

ज्योति की आलीशान जीवनशैली: जिसमें विदेश यात्राएं (पाकिस्तान, चीन, बाली) और महंगी गाड़ियों का इस्तेमाल शामिल है। जांच एजेंसियों के लिए ये सब संदिग्ध है। एजेंसियों को पता चला है कि उसकी आय का स्रोत उसकी यूट्यूब आय से कहीं ज़्यादा था।

पहलगाम हमले से कनेक्शन 

जांच एजेंसियां ​​पहलगाम आतंकी हमले में ज्योति की संभावित भूमिका की जांच कर रही हैं। बताया गया कि इस दौरान वह दानिश और दूसरे पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में थी।

2023 में ज्योति के बिहार-झारखंड (सुल्तानगंज, भागलपुर, देवघर, दुमका) दौरे की जांच चल रही है। आशंका है कि वहां उसकी मुलाकात ISI के स्लीपर सेल और एजेंटों से हुई थी।

2024 में ज्योति ने कश्मीर की यात्रा की और डल झील, श्रीनगर-बनिहाल रेलवे जैसी जगहों के वीडियो बनाए। जिनकी जांच चल रही है। पुलिस को संदेह है कि ये वीडियो संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए बनाए गए थे।

एचएसजीएमसी के आईटी सेल प्रमुख हरकीरत सिंह पूछताछ 

हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीएमसी) के आईटी सेल प्रमुख हरकीरत सिंह को ज्योति से पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया है। उसके संपर्क और संभावित जासूसी नेटवर्क की जांच की जा रही है।

पुलिस को गुमराह करने की कोशिश 

ज्योति ने पूछताछ के दौरान जांच को गुमराह करने की कोशिश की और कई बार झूठ बोला। हालांकि, उसने पाकिस्तानी एजेंटों से संपर्क होने की बात स्वीकार की है।

छह अन्य गिरफ्तार 

ज्योति के साथ इस जासूसी नेटवर्क में शामिल छह अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें नूंह से अरमान, मलेरकोटला से गजाला, कैथल से यामीन मोहम्मद और देविंदर सिंह ढिल्लों शामिल हैं।

26 मई 2025 को ज्योति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने अभी तक आगे की रिमांड की मांग नहीं की है, क्योंकि डिजिटल साक्ष्यों की गहन जांच चल रही है।

पुलिस का दावा है कि डिजिटल और दूसरे सबूत इतने मजबूत हैं कि ज्योति के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया जा सकता है। इसमें उम्रकैद की सजा भी शामिल हो सकती है।

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