Sonipat Police Station: सोनीपत के बरोदा पुलिस स्टेशन में दो दलित लड़कियों के साथ दर्जन भर पुलिस कर्मियों ने रेप किया था। हरियाणा पुलिस के इस बर्बरतापूर्ण अपराध के खिलाफ छात्र एकता मंच ने सोनीपत जिला सचिवालय के आगे धरना दिया।
Sonipat Police Station
छात्र एकता मंच के द्वारा सोनीपत में बुटाना गांव की दो दलित लड़कियों (जिनमें से एक नाबालिग है और एक की उम्र 19 साल है) के साथ पुलिस कर्मियों के द्वारा किए गए गैंगरेप और यौनिक हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन व जिला सचिवालय के आगे धरना दिया।
Sonipat Police Station में दर्जन भर पुलिसकर्मियों ने किया गैंगरेप
30 जून को दो पुलिस कर्मियों की हत्या की गयी थी। जिसमें सोनीपत के बुटाना गांव की दो लड़कियां आशा और सुशीला (बदले हुए नाम) का नाम भी था। 2 तारीख को सुशीला और आशा की मां ने अपनी लड़कियों को लेकर बरोदा थाना में सरेंडर किया। आशा और सुशीला को कोर्ट में 6 तारीख को पेश किया जाता है।
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इस बीच 10 से 12 पुलिसकर्मियों ने उनके साथ गैंग रेप किया गैंगरेप इतना खतरनाक था कि नाबालिग लड़की सुशीला के गुप्तांग में डंडा तक डाला गया। उसके बाद 15 तारीख को उसकी मां लड़की से मिलने जाती है तो मैं लड़की से मिले पाती इससे पहले कुछ संवेदनशील लोग उनको बताते हैं कि उनकी बेटी की तबीयत बहुत खराब है।
आरोपियों के खिलाफ एफआईआर
उन्हें मेडिकल के लिए लेकर जाया गया। 18 तारीख को जब उसकी मां सुशीला से मिलती है तो सुशीला बताती है कि उनके साथ गैंग रेप किया गया उसके बाद परिवार वाले बरोदा थाना में एफ आई आर! दर्ज करवाते हैं लेकिन थाने में भी उनके साथ बदतमीजी की गई।
छात्र एकता मंच हरियाणा का Sonipat Police Station में विरोध प्रदर्शन
Sonipat Police Station के इस जघन्य अपराध के खिलाफ छात्र एकता मंच हरियाणा ने सोनीपत डीसी ऑफिस के सामने नारेबाजी करने के बाद तहसीलदार को अपनी जायज मांगों का ज्ञापन सौंपा।
तहसीलदार को ज्ञापन सौंपने के बाद छात्र एकता मंच हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष अंकित ने अपनी बात रखते हुए कहा,” जो लगातार महिलाओं के साथ हो रहे हैं। ना तो सुशीला और आशा अकेली है जिनके साथ बलात्कार किया गया है। लगातार हर रोज 100 से ज्यादा महिलाओं के साथ शारीरिक उत्पीड़न किया जाता है।”
प्रदेशाध्यक्ष अंकित का ब्यान
प्रदेशाध्यक्ष अंकित ने आगे कहा ,” फांसी रेप की सजा कोई समाधान नहीं है रेप को रोकने के के लिए समाज की महिला विरोधी मानसिकता और दिमागी कचरे की जड़ पर चोट करनी पड़ेगी। जो महिलाओं को सिर्फ उपभोग की वस्तु समझता है उसको दिमाग से साफ करना पड़ेगा और फिलहाल में जो पुलिस वालों के द्वारा कस्टडी में बर्बर रेप किया गया है इसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते है।”
हरियाणा छात्र एकता मंच ने रखी ये मांगे-
- बर्बर बलात्कार के दोषी पुलिसकर्मियों को और उनके सरपरस्तों को तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार कर कार्रवाई की जाए।
- हाई कोर्ट के कार्यरत न्यायाधीश द्वारा न्यायिक एसआईटी (SIT) गठित की जाए।
- दोनों दलित लड़कियों को शारीरिक-मानसिक-आर्थिक प्रताड़ना देने की एवज में 40 लाख रूपये का मुआवजा दिया जाए।
- पीजीआई चंडीगढ़ या एम्स दिल्ली के मेडिकल बोर्ड द्वारा विस्तृत मेडिकल करवाया जाए।
- निर्दोष दलित लड़कियों को तुरंत प्रभाव से रिहा किया जाए।