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तब्लीगी जमात प्रमुख मौलाना साद को मीडिया वालों ने एक शैतान के रूप में प्रस्तुत किया

देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। जिसके चलते भारत में इस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 480  हो गई है। वहीँ इस बिमारी से संक्रमित लोगों की संख्या 14378 हो गई है। अच्छी बात ये है कोविड 19 से संक्रमित 1991 लोग ठीक भी हुए हैं।

तब्लीगी जमात प्रमुख मौलाना साद को मीडिया वालों ने एक शैतान के रूप में प्रस्तुत किया

देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। जिसके चलते भारत में इस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 480  हो गई है। वहीँ इस बिमारी से संक्रमित लोगों की संख्या 14378 हो गई है। अच्छी बात ये है कोविड 19 से संक्रमित 1991 लोग ठीक भी हुए हैं।

मीडिया नहीं पूछ रहा सरकार से सवाल 

देश का ज्यादातर प्रिंट और डिजिटल मीडिया कोरोना वायरस को फैलाने के लिए तब्लीगी जमात को जिम्मेदार ठहरा रहा है। हालांकि,विश्व के सबसे शक्तिशाली और साधन संपन्न देशों के आंकड़ों को देखें तो वहां इस महामारी ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई हुई है।

अन्य देशों के आंकड़े बढ़े

जिनमें से आप, अमेरिका ,इटली ,फ्रांस जैसे बड़े मुल्कों के आंकड़े देख सकते हैं। भारत फिर भी इस बीमारी को पॉज करने में कामयाब रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही इस बीमारी पर पूर्ण रूप से काबू पा लेगा।

लेकिन देश का प्रिंट और डिजिटल मीडिया कोरोना वायरस के प्रति लोगों को जागरूक करने और सरकार से कोविड 19 संबधित दवाइयों और सुरक्षा उपकरणों पर सवाल पूछने की जगह ,एक समुदाय विशेष को इसका जिम्मेदार ठहरा रहा है।

मुद्दे पर नहीं हो रहे डिबेट

कुछ चैनल शाम के प्राइम टाइम में दो चार दाढ़ी वालों को अपने स्टूडियो में बैठाकर इस विषय पर डिबेट करते नजर आते हैं ,जबकि उनकी जगह डॉक्टरों को बुलाकर इस कोरोना वायरस से लड़ने के उपाए और डॉक्टरों को किन चीजों की कमियां महसूस हो रही हैं ,के बारे में डिबेट करने चाहिए।

मार्कण्डेय काटजू ने फेसबुक पर लिखी पोस्ट

इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी है। जिसको उन्होंने  ट्विटर एकाउंट पर भी शेयर किया  है। ये भी पढ़ें : covid-19: आयुष मंत्रालय ने शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए जारी किए दिशा-निर्देश, जानें क्या कहा

अपनी फेसबुक पोस्ट में पूर्व सीजेआई ने लिखा ,”मरकज,तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद को कई मीडिया वालों ने एक शैतान के रूप में प्रस्तुत किया है। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई है और उनके घर पर छापा मारा गया। ” ये भी पढ़ें : CoronaUpdatesInIndia: भारत में COVID-19 से मरने वालों संख्या बढ़ी,जानें स्टेटवाइज आंकड़े

क्यों सरेंडर नहीं कर रहे मौलाना साद

मार्कण्डेय काटजू ने आगे लिखा ,” यह आरोप है की उन्होंने जानबूझकर भारत में कोरोना वायरस फैलाया है। सरासर झूठ और हास्यप्रद प्रतीत होता है। मुसलमान वर्षों से निजामुद्दीन के मरकज में इकट्ठा होते रहे हैं, और इसलिए उन्होंने मार्च में भी वही किया। मरकज में कई लोग विदेशी ,देशों जैसे इंडोनेशिया ,मलेशिया ,किर्गिस्तान आदि से आए थे और यह संभव है कि कुछ लोग कोरोना से संक्रमित थे, जिन्होंने अनजाने में जमात के दूसरे लोगों में बीमारी फैलाई। लेकिन यह कहना ,जानबूझकर किया बिल्कुल बेतुका है।

पूर्व सीजेआई ने लिखा ,” कुछ लोग पूछते हैं कि मौलाना साद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण क्यों नहीं करते हैं ? कोई भी इसके सही कारण का अनुमान नहीं लगा सकता है ,लेकिन यह बहुत संभव है कि वह डर गए हों कि ऐसा करने पर पुलिस द्वारा थर्ड डिग्री का उपयोग किया जाएगा। “

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