4pillar.news

COVID 19 Case: Covishield डोज से हुई मौतों को लेकर दो परिवार सीरम इंस्टिट्यूट के खिलाफ अदालत पहुंचे

मई 2, 2024 | by

Two families moved court against Serum Institute over deaths caused by Covishield doses

COVID 19 News: कोरोना वैक्सीन बेचने वाली कंपनी Astrazeneca ने यूके अदालत में स्वीकार किया है कि उसके टीके से रक्त के थक्कों सहित दुर्लभ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। अब भारत में दो महिलाओं की कथिततौर पर Covishield वैक्सीन लेने के बाद मृत्यु होने पर दो परिवारों ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया ( SII ) के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

SII के खिलाफ मृतक के परिवारों खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

जिस महिला की कथिततौर पर कोविशील्ड वैक्सीन की डोज लेने के बाद मृत्यु हो गई थी, उसके माता-पिता ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है। एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया द्वारा किया गया। इस फर्म के मालिक अदार पूनावाला हैं।

कोविशील्ड वैक्सीन के दुष्प्रभाव

दिग्गज फार्मास्युटिकल कंपनी पर क्लास-एक्शन सूट में मुकदमा दायर किया जा रहा है। जिसमें दावा किया गया कि कोरोना वैक्सीन से मौत और गंभीर बीमारियां, जिसमें टीटीएस- थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ घनास्त्रता, एक गंभीर प्रतिकूल घटना है। जो खून के थक्के बनाती है और कम रक्त प्लेटलेट गिनती का कारण बनती है।

एस्ट्राजेनेका ने यूके की अदालत में दिए गए अपने दस्तावेज में स्वीकार किया है कि कोविड 19 के खिलाफ उसके टीके में रक्त के थक्के बनना, प्लेटलेट्स को कम करना और दिल का दौरा पड़ने जैसे जैसे दुष्प्रभाव पैदा करने की गुंजाइश है।

ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राजेनेका  कोरोना वैक्सीन को विश्व स्तर पर Covishield और Vaxzevria ब्रांड नामों के तहत बेचा गया।

इन परिवारों ने खटखटाया सीरम इंस्टिट्यूट के खिलाफ अदालत का दरवाजा

वेणुगोपाल गोविंदन की बेटी करुणया की कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण के एक महीने बाद जुलाई 2021 में मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद राष्ट्रीय समिति ने यह निष्कर्ष निकाला कि लड़की की मौत का कारण टीकाकरण के कारण है या नहीं, इसके पर्याप्त सबूत नहीं हैं।

18 वर्षीय रितिका श्री ने 12वीं कक्षा पास करने के बाद आर्किटेक्चर की पढ़ाई शुरू की थी। 2021 में रितिका कोरोनावायरस पॉजिटिव पाई गई थीं। उन्होंने मई 2021 में कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खुराक ली थी। जिसके एक हफ्ते बाद रितिका को तेज बुखार हो गया और उल्टियां आने लगी। वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। एमआरआई स्कैन में पता चला कि उसके मस्तिष्क में रक्त के थक्के बने हुए हैं और रक्तस्राव हुआ था। डोज लेने के दो हफ्ते बाद रितिका का निधन हो गया था।

रितिका के माता-पिता को उसकी मौत का सही कारण पता नहीं चल पाया था। दिसंबर 2021 में एक आरटीआई के माध्यम से पता चला कि रितिका को Thrombosis with Thrombocytopenia Syndrome हुआ था और वैक्सीन के रिएक्शन के कारण उसकी मृत्यु हो गई थी।

ये भी पढ़ें,COVID 19 वैक्सीन AstraZeneca से हो रहे हैं हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक

भारत में कोविशील्ड वैक्सीन के खिलाफ अदालत में यह मामला तब आया जब कुछ ही दिन पहले लंदन की अदालत में कई परिवारों ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के विनाशकारी दुष्प्रभाव हुए हैं।

यूके अदालत में एस्ट्राजेनेका का कबूलनामा

मुकदमा जैमी स्कॉट नाम के शख्स की पत्नी ने द्वारा किया गया था, जिन्हे अप्रैल 2021 में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की डोज लेने के बाद मस्तिष्क आघात पहुंचा था। सुरक्षा चिंताओं के कारण अब एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को लंदन में बंद कर दिया गया है। हालांकि, कुछ अध्ययनों से पता चला है कि कोरोना महामारी से निपटने में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

RELATED POSTS

View all

view all
Exit mobile version