Site icon www.4Pillar.news

उन्नाव रेप केस:कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को सुनाई 10 साल की सजा

उन्नाव दुष्कर्म मामले में अदालत ने भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 20 दिसंबर 2019 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या मामले में दिल्ली की एक अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को 10 साल की सजा सुनाई है।

उन्नाव दुष्कर्म मामले में अदालत ने भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 20 दिसंबर 2019 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या मामले में दिल्ली की एक अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को 10 साल की सजा सुनाई है।

उन्नाव रेप केस पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी हत्या के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार दिया है। अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को 10 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 11 में से चार आरोपी बरी किए गए थे और कुलदीप सिंह सिंगर समेत सात लोगों को दोषी करार दिया गया था। सात दोषियों को कोर्ट ने 10 10 साल की सजा सुनाई है। कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई जगदीप सिंह सेंगर पर 10-10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

अदालत ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि पीड़िता के सिर से पिता का साया हट गया है। अब वह है वापस अपने घर भी नहीं जा सकती, अपने गांव भी नहीं जा सकती। घर में 4 सदस्य हैं। इनमें से तीन लड़कियां और सभी नाबालिग है।

जिन सात लोगों को अदालत ने मामले में दोषी ठहराया था। उनमें से कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई के अलावा दो उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारी भी शामिल है। इनमें एक एसएचओ और एक सब इंस्पेक्टर है।

ये था मामला

आपको बता दें उन्नाव दुष्कर्म मामले में अदालत ने भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह को 20 दिसंबर 2019 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल 2018 को मौत हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो कुलदीप सिंह सिंह सिंगर समेत अन्य कई लोगों के खिलाफ पीड़िता के पिता की हत्या के मामले की जांच कर रही थी। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली ट्रांसफर किया गया था।

आरोपों को साबित करने के लिए सीबीआई ने पीड़िता के चाचा मां बहन पिता के सहकर्मी समेत 55 गवाहों के बयान दर्ज करवाए थे। वहीं बचाव पक्ष ने 9 गवाहों को पेश किया। सीबीआई के अनुसार 3 अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता और  आरोपी शशि प्रताप सिंह के बीच झगड़ा हुआ था। सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा कि पीड़िता का मृतक पिता और उसका सहकर्मी उस दिन अपने गांव माखी लौट रहे

Exit mobile version