Vinesh Phogat news: पेरिस ओलंपिक में 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण फाइनल मुकाबले में पहुंचने से चुकी विनेश फोगाट ने संन्यास की घोषणा कर दी थी। अब भारतीय महिला पहलवान एक बार फिर कुश्ती के अखाड़े में वापसी कर सकती हैं।
पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल चुकने के बाद हताश होकर विनेश फोगाट ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए संन्यास का एलान कर दिया था। उन्हें एक्स पर एक पोस्ट में अपने रिटायरमेंट की घोषणा करते हुए कहा,” माँ कुश्ती मेरे से जीत गई ,मैं हार गई। माफ़ करना आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके हैं। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024 . आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी। ”
अब विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक से लौटने से कुछ घंटे पहले कुश्ती के रिंग में वापसी के संकेत दिए हैं। विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पर तीन पेज की पोस्ट शेयर की है। जिसमें उन्होंने एक बार फिर अखाड़े में आकर अपना दम दिखाने के संकेत दिए हैं।
विनेश फोगाट ने कहा , ” पेरिस ओलंपिक में अगर हालात ऐसे नहीं बनते तो मैं कुश्ती को अलविदा नहीं कहती। बल्कि 2032 तक कुश्ती खेलती रहती। लेकिन पेरिस ओलंपिक 2024 के बाद जैसे हालात बने हैं, उसके बाद कुश्ती को अलविदा कहना पड़ा। ” इसके अलावा विनेश ने और भी कई बातें साझा की। अब विनेश की इस पोस्ट से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि वह कुश्ती के अखाड़े में वापसी कर सकती हैं।
महिला पहलवान ने आगे लिखा , ” हो सकता है अलग – अलग परिस्थितियों में खुद को 2032 तक कुश्ती खेलते हुए देखूं। मेरे अंदर जंग और कुश्ती हमेशा रहेगी। मैं इस बात की भविष्यवाणी नहीं कर सकती कि भविष्य में मेरे साथ क्या होगा। मेरे भारतीय साथियों और मेरे परिवार को ऐसा लगता है कि जिस लक्ष्य के लिए हम काम कर रहे थे, जिसे प्राप्त करने के लिए हमने प्लान बनाया था, वह अभी अधूरा है।
आपको बता दें , भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में पहले गोल्ड और बाद में साझा सिल्वर मेडल जीतने से चूक गई हैं। विनेश 50 किलोग्राम के फ्री स्टाइल कुश्ती वर्ग के फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही थीं। लेकिन मात्र 100 ग्राम अधिक वजन के कारण उन्हें ओलंपिक संघ ने अयोग्य करार दे दिया था।
अगर विनेश फाइनल में खेलती तो कम से कम सिल्वर मेडल जीततीं। लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया। हालांकि विनेश फोगाट ने कोर्ट ऑफ़ आर्बिट्रेशन फॉर सपोर्ट्स में याचिका दाखिल कर न्याय की गुहार लगाई थी। उन्होंने अपनी याचिका में साझा सिल्वर मेडल देने की मांग की थी। जिसे CAS ने खारिज कर दिया।