कांग्रेस पार्टी को छोड़कर नई पारी खेलने की तैयारी में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने महसूस किया था कि पार्टी उन्हें साइडलाइन कर रही है। जिसके कारण उन्होंने पद और कांग्रेस पार्टी दोनों छोड़ दिए।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा देने के बाद मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार पर संकट के बादल छाए हुए हैं। इसी सियासी घमासान के बीच कमलनाथ की सरकार जाने और मध्य प्रदेश में भी कमल खिलने के कयास लगाए जा रहे हैं।या यूं कहें कि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनना या मध्यावधि चुनाव होना तय है।
मध्य प्रदेश से बीजेपी के 106 विधायकों को रात एक बजे चार्टर प्लेन द्वारा दिल्ली लाया गया है। इसी घमासान को लेकर जब कांग्रेस पार्टी के संकट मोचक दिग्विजय सिंह से पत्रकारों ने कई सवाल पूछे। उनसे पूछा गया कि सिंधिया के पार्टी छोड़ने का क्या कारण है ? क्या वाकई उन्हें पार्टी से दरकिनार कर दिया गया था ?
दिग्विजय सिंह ने बताई ये बात
जिसका जवाब दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट कर दिया। उन्होंने अपने ट्विटर एकाउंट पर लिखा ,” दरकिनार करने का बिलकुल भी सवाल नहीं उठता। बल्कि आप मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल क्षेत्र में किसी भी कांग्रेस नेता से व्यक्तिगत तौर पर पूछ सकते हैं और आपको मालूम पड़ जाएगा कि पिछले 16 महीनों में उनकी सहमति के बिना इस क्षेत्र में कुछ भी नहीं किया गया दुखद लेकिन मैं उन्हें मोदी शाह के संरक्षण के तहत शुभकामनाएं देता हूं। ”
आपको बता दें ,ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है। वे 12 मार्च को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार ,भारतीय जनता पार्टी उन्हें राज्यसभा में भेज सकती है। वहीं दूसरी तरफ ये भी कहा जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के किसी एक को मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने पर उपमुख्यमंत्री का पद भी दिया जा सकता है।