सभी मोबाइल में 15 अंक का IMEI नंबर दिया जाता है। यह एक यूनिक कोड होता है। जो मोबाइल की पहचान होता है। इसका पूरा नाम इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आईडेंटिटी है। आईएमइआई नंबर कैसे काम करता है और इसे कैसे तैयार किया जाता है जानिए इन सवालों के जवाब।
हर मोबाइल को एक यूनिक कोड आईएमइआई दिया जाता है। यह उस मोबाइल की पहचान होता है। इसका पूरा नाम इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आईडेंटिटी है। यह एक नंबर खास होता है , क्योंकि इसमें कई तरह की गुप्त जानकारियां छिपी होती हैं। जैसे कि मोबाइल का मॉडल कौन सा है और इसका निर्माण कहां किया गया है। बिना आईएमईआई वाले मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
कब बंद हुए बिना IMEI वाले मोबाइल
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब ढाई करोड लोग लंबे समय से बिना आईएमईआई नंबर वाले मोबाइल का प्रयोग करते आ रहे थे। 30 नवंबर 2009 से इन मोबाइल को बंद कर दिया गया था। अब सवाल यह उठता है कि आई एम ई आई फिर बनता कैसे है और इसकी कितनी अहमियत है। ये भी पढ़ें,पेगासस मोबाइल जासूसी के लिए गठित होगी समिति, केंद्र सरकार ने SC को बताया
कैसे पता करें मोबाइल का IMEI
आईएमईआई एक खास तरह का नंबर होता है जो मोबाइल की लोकेशन के बारे में बताता है। इसके जरिए है जाना जा सकता है कि मोबाइल फोन को इस्तेमाल करने वाला यूज़र इस समय कहां पर है। फोन चोरी हो जाने या गुम हो जाने की स्थिति में इस नंबर की मदद से फोन को ट्रेस किया जाता है। यह नंबर मोबाइल की ओरिजिनल बैटरी पर लिखा होता है।
यह एक यूनिक नंबर होता है। जो हर फोन में अलग अलग होता है। आईएमईआई नंबर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल हैकर्स और अपराधियों को पकड़ने में किया जाता है। इसके अलावा किसी का फोन गुम हो गया है या चोरी हो गया तो उस स्थिति में भी इस नंबर की मदद ली जाती है। ये भी पढ़ें,3 तरह के होते हैं मोबाइल फोन, क्या आपको पता है कि आपके पास कौन सा है
अगर आप अपने मोबाइल का आईएमइआई नंबर जानना चाहते हैं तो फोन से। *#06# नंबर का डायल करें। डायल करने के बाद आपके मोबाइल स्क्रीन पर आईएमईआई नंबर आ जाएगा। इसे नोट कर लें और सुरक्षित रख लें। आप इस का स्क्रीनशॉट भी ले सकते हैं। आईफोन 5 या फिर आईफोन के लेटेस्ट वर्जन में आई एम ई आई नंबर इसके बैक पैनल पर लिखा होता है।
15 अंक वाले आईएमईआई नंबर में मुख्य बातें शामिल होती हैं। जैसे इसके शुरुआती 8 अंक बताते हैं कि इस मॉडल को कहां बनाया गया है। जिसके बाद वाले 6 अंकों में डिवाइस से जुड़ी जानकारियां होती हैं। अंतिम एक डिजिट में मोबाइल की जानकारी होती है।