फोटोः रवि दहिया और नुरिस्लाम सनायेव
टोक्यो ओलंपिक रेसलिंग में भारतीय पहलवान रवि दहिया ने भारत के लिए एक और मेडल पक्का कर लिया है। उन्होंने 57 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में कजाकिस्तान के नुरिस्लाम सनायेव को हराकर फाइनल में प्रवेश किया । चौथी वरीयता प्राप्त दहिया एक समय में 2-9 से पीछे चल रहे थे। इसके बाद उन्होंने शानदार वापसी करते हुए नुरिस्लाम सनायेव को तकनीकी आधार पर हरा दिया। इसी के साथ ही सुशील कुमार के बाद रवि दहिया कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय पहलवान बन गए हैं।
भारतीय पहलवान रवि दहिया ने आज बुधवार के दिन जारी ओलंपिक के में करोड़ों भारतीयों को खुशियों का तोहफा प्रदान करते हुए 57 किलोग्राम में फ्री स्टाइल कुश्ती वर्ग में के फाइनल में जगह बनाकर देश के लिए एक और पदक सुनिश्चित कर लिया है। रवि दहिया ने कजाकिस्तान के नुरिस्लाम सनायेव को हराकर फाइनल में जगह बना ली है। दहिया अब गुरुवार को फाइनल में स्वर्ण पदक के लिए भिड़ेंगे।
आपको बता दें कि साल 2012 से रवी दहिया फाइनल में जगह बनाने वाले दूसरे भारतीय पहलवान हैं। पहले राउंड में दहिया ने 2-1 की बढ़त हासिल कर ली थी और नुरिस्लाम सनायेव पर पूरी तरह से दबाव बना दिया था। कजाकिस्तान के पहलवान ने बहुत ही शानदार वापसी की और उन्होंने दहिया की बढ़त को खत्म कर दिया। इसके बाद वो भारतीय पहलवान पर हावी था।
अल्जीरिया के अब्देलहक खेरबाचे को तकनीकी दक्षता के आधार पर हराने वाले वेंगलोव के खिलाफ दहिया ने अपनी शानदार फार्म जारी रखते हुए शुरू से ही दबाव बनाए रखा। चौथे वरीयता प्राप्त भारतीय पहलवान ने उरबानो के खिलाफ मुकाबले में लगातार विरोधी खिलाड़ी के दाएं पैर पर हमला किया और पहले पीरियड में टेकडाउन के अंक गंवाने के बाद पूरे मुकाबले में दबदबा बनाए रखा। गत एशिया चैंपियन रवि दहिया उस समय 13:02 से जीत दर्ज की थी. जबकि मुकाबले में 1 मिनट और 10 सेकेंड का समय शेष बचा था। भारतीय पहलवान ने दूसरे पीरियड में 5 टेकडाउन से अंक जुटाते हुए अपनी तकनीक की मजबूती का प्रदर्शन किया।
इससे पहले खेले गए सेमीफाइनल मैं दहिया एक समय 02:09 से पीछे चल रहे थे लेकिन उन्होंने वापसी करते हुए अपने विरोधी के दोनों पैरों पर हमला किया और उसे कस कर पकड़ लिया। इसके बाद उसे जमीन पर पटकनी देकर मुकाबला जीत लिया।
दहिया ने इससे पहले दोनों मुकाबलों में तकनीकी दक्षता के आधार पर जीत हासिल की। पहले दौर के बाद दहिया के पास 2-1 की बढ़त थी। लेकिन नुरिस्लाम सनायेव ने उनके बाएं पैर पर हमला बोलकर तीन बार उन्हें पलटने पर मजबूर करते हुए 6 अंक जुटा लिए। ऐसा लग रहा था कि दहिया हार की तरफ जा रहे हैं लेकिन समय नहीं खोते हुए उन्होंने 1 मिनट में ही बाजी पलट दी। चैंपियन दहिया ने उस समय 13-2 से जीत दर्ज की, जबकि मुकाबले में 1 मिनट और 10 सेकेंड का समय शेष बचा था। भारतीय पहलवान ने दूसरे पीरियड में 5 टेकडाउन से अंक जुटाते हुए अपनी तकनीकी का जौहर दिखाया।
आपको बता दें कि डी जाधव भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान थे। उन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद सुशील कुमार ने बीजिंग में कांस्य पदक और लंदन में रजत पदक जीता था। सुशील कुमार ओलंपिक में दो व्यक्तिगत पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे। इसके अलावा लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था। वही साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक हासिल किया था। साक्षी मलिक ने भी रवि की तरह साल 2016 में आखिरी 6 सेकंड में गेम को पलट दिया था।
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