1983 वर्ल्ड कप विनर टीम इंडिया का हिस्सा रहे यशपाल शर्मा का दिल का दौरा पड़ने से निधन

वर्ष 1983 में भारतीय टीम को वर्ल्ड कप में चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले यशपाल शर्मा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। मंगलवार सुबह को दिल का दौरा पड़ने के कारण यशपाल शर्मा ने 66 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके निधन से क्रिकेट जगत में शोक की लहर है।

क्रिकेटर यशपाल शर्मा का निधन 

क्रिकेटर यशपाल शर्मा ने लॉर्ड्स के मैदान पर 2 अगस्त 1979 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था।इससे पहले वह 1972 में पंजाब स्कूल की तरफ से जम्मू कश्मीर स्कूल्स के खिलाफ 260 रनों की पारी खेल चुके हैं6। जिसके बाद वह पहली बार नजर में आए थे। इसके 2 साल के अंदर ही उन्हें स्टेट टीम में जगह है मिल गई थी। वह 1979 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का हिस्सा बने थे। लेकिन उन्हें मैच में खेलने का मौका नहीं मिला था।

1983 वर्ल्ड कप के हीरो रहे शर्मा 

कपिल देव की कप्तानी में खेले गए 1983 वर्ल्ड कप में उन्होंने भारत को वर्ल्ड कप चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाते हुए पहले मुकाबले में वेस्टइंडीज के खिलाफ 89 रनों की पारी खेली थी। इस मैच में उन को मैन आफ द मैच से सम्मानित किया गया था। यशपाल शर्मा का जन्म 11 अगस्त 1954 को पंजाब के लुधियाना में हुआ था। 66 साल की उम्र में उनका निधन हो गया है।

उन्हें एक महान क्रिकेटर के रूप में जाना जाता है। 1983 के विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में उनकी हाफ सेंचुरी वाली पारी क्रिकेट प्रेमियों को हमेशा याद रहेगी। शर्मा 2000 के दशक में नेशनल चयनकर्ता भी रहे।

दिलीप वेंगसरकर ने जताया शोक 

महान क्रिकेटर यशपाल शर्मा के निधन पर दिलीप वेंगसरकर ने कहा,” यह अविश्वसनीय है। वह हम सभी में सबसे अधिक फिट था। जब हम उस दिन मिले थे तो मैंने उससे उसकी दिनचर्या के बारे में पूछा था। वह शाकाहारी था। रात को खाने में सूप लेता था और सुबह सैर पर जरूर जाता था। मैं सकते में हूं ।”

सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट कर शोक जताया 

सचिन तेंदुलकर ने यशपपाल शर्मा के निधन पर ट्वीट कर शोक जताया । उन्होंने लिखा ,” यशपाल शर्मा जी के निधन से स्तब्ध और गहरा दुख हुआ । 1983 विश्व कप के दौरान उन्हें बल्लेबाजी करते हुए देखने की यादें ताजा हैं । भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। पूरे शर्मा परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना ।

शर्मा ने रणजी ट्रॉफी में तीन टीमों, पंजाब ,हरियाणा और रेलवे का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 160 फर्स्ट क्लास मैचों में 8933 रन बनाए। जिसमें 21 शतक भी शामिल है। उनका सबसे अधिक स्कोर नॉट आउट 201 रन रहा। यशपाल शर्मा एंपायर भी रह चुके थे और 2 महिला वनडे मुकाबलों में उन्होंने अंपायरिंग की थी। वह उत्तर प्रदेश रणजी टीम के कोच भी रह चुके थे ।

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