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यासीन मलिक ने फेरन से AK 47 निकाल कर एयरफोर्स के जवानों पर बरसा दी थीं गोलियां; सीबीआई कोर्ट में चश्मदीद ने सुनाई 1990 में हुए हमले की कहानी

जनवरी 19, 2024 | by

Yasin Malik took out AK 47 from Pheran and opened fire on the Air Force soldiers; Eyewitness narrated the story of the attack in 1990 in CBI court

Yasin Malik News: यासीन मलिक ने 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर में भारतीय वायुसेना के जवानों पर गोलियां बरसा दी थीं। इस हमले में एयरफोर्स के 4 जवान शहीद हो गए थे और 40 घायल हो गए थे। आज से 34 साल पहले एयरफोर्स के जवानों पर हुए हमले की कहानी चश्मदीद गवाह ने सीबीआई कोर्ट में सुनाई।

दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद जेकेएलएफ चीफ यासीन मलिक की  मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। 1990 में भारतीय वायुसेना के चार जवानों की हत्या के चश्मदीद गवाह ने यासीन मलिक की पहचान मुख्य शूटर के तौर पर की है। चश्मदीद रिटायर एयरफोर्स अधिकारी ने बताया कि उस दिन क्या हुआ था। इस आतंकी हमले में एयरफोर्स के चार जवान शहीद हो गए थे। भारतीय वायुसेना के सेवानिवृत अधिकारी राजवार उमेश्वर सिंह ने सीबीआई कोर्ट में बताया कि यासीन मलिक ने अपनी फेरन उठाकर ऐके 47 निकाली और वायुसेना के जवानों पर गोलियां बरसा दी थीं।

वायुसेना के सेवानिवृत अधिकारी राजवार उमेश्वर सिंह ने सीबीआई कोर्ट में बताया कि यासीन मलिक ही इस हमले का मुख्य हमलावर था। यासीन मलिक 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।

25 जनवरी 1990 का हमला

आज से लगभग 34 साल पहले 25 जनवरी 1990 को भारतीय वायुसेना के ड्यूटी पर जाने के लिए श्रीनगर हवाई अड्डे पर अपने वाहन का इंतजार कर रहे थे। तभी आतंकवादियों ने उन पर हमला बोल दिया था। इस गोलीबारी में भारतीय वायुसेना के चार जवान शहीद हो गए थे और 40 जवान घायल हो गए थे। इसी मामले में 31  अगस्त 1990 को जम्मू कश्मीर की टाडा अदालत ने यासीन मलिक सहित 5 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।

यासीन मलिक के अलावा इस हमले में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट से जुड़े मंजूर अहमद सोफी, अली मोहम्मद मीर,जावेद अहमद मीर,जावेद अहमद जरगर और शौकत अहमद बख्सी भी शामिल थे।

केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई ) की वकील मोनिका कोहली ने कहा कि यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। गवाह ने मलिक की पहचान मुख्य शूटर के तौर की है। यासीन मलिक ही 1989 में तत्कालीन गृह मंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सैयद की बेटी रुबिया सैयद के अपहरणकर्ताओं में से एक है।

जानिए कौन है यासीन मलिक

जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक का जन्म 3 अप्रैल 1966 को श्रीनगर के मैसुमा में हुआ था। वह 17 साल की उम्र में पहली बार जेल गया था। उस जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। उसने 80 के दशक में ताला पार्टी का गठन किया था। 1986 में यासीन ने ताला पार्टी का नाम बदलकर इस्लामिक स्टूडेंट लीग रखा था। वह 1988 में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट से जुड़ा। वह पार्टियां बनाता/बदलता रहा लेकिन आतंकी गतिविधियों में सक्रिय रहा। फ़िलहाल यासीन मलिक का ठिकाना दिल्ली की तिहाड़ जेल है।

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