योगेश्वर शर्मा ने पूछा कि हरियाणा सरकार या उसके मंत्रियों को प्राइवेट स्कूलों से ऐसा क्या लाभ मिल रहा है ?सरकार स्कूलों के खिलाफ करवाई करने से क्यों डरती है ?
प्राइवेट स्कूल
पंचकूला सहित पूरे हरियाणा में प्राइवेट स्कूलों में तीन तीन महीने की बढ़ी हुई राशि के साथ वसूली जा रही फीस जिसका विरोध कर रहे कुछ अभिभावक आज आम आदमी पार्टी नेता योगेश्वर शर्मा से उनके आवास पर मिले।
बढ़ी हुई फीस
अभिभावकों ने योगेश्वर शर्मा को बताया कि निजी सकूलों की ओर से बढ़ी हुई फीस के आलावा भी दो तीन अन्य फंड भी मांगे जा रहे हैं। अभिभावकों ने कहा कि इस आर्थिक मंदी के दौर में वे लोग कहां से इतनी फीस जमा करवायें, जबकि स्कूलों ने उनके बच्चों को अभी तक कोई पढ़ाई भी नहीं करवायी।
आप सचिव श्री शर्मा को मिलने आए अभिभावकों ने बताया कि स्कूल की ओर से उनहें फीस जमा करवाने के मैसेज आ चुके हैं। वह भी बढ़ी हुई फीस के साथ। कुछ स्कूलों ने तो फीस का स्ट्रक्चर भेजने के बजाये अभिभावकों को स्कूल की साईट पर देखने को कहा। जिसमें कुछ अन्य फंड भी मांगे जा रहे हैं।
अभिभावक कर चुके रोष प्रकट
बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि वे लोग स्कूल प्रबंधन के खिलाफ अपना रोष भी प्रक्ट कर चुके हैं। इसके आलावा वे सरकार तक और जिला प्रशासन तक भी अपनी बात रख चुके हैं, मगर सरकार भी घुमा फिराकर स्कूल प्रबंधकों का ही साथ दे रही है। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान आर्थिक मार को झेल रहे वे लोग कहां से इतने पैसे लायेंगे?
जिनके दो-दो बच्चे एक ही स्कूल में पढ़ रहे हैं, उनके लिए तो और भी बड़ी समस्या है। इन अभिभावकों की बात सुनकर इस विषय को गंभीर समस्या मानते हुए आप नेता योगेश्वर शर्मा ने उन्हें कहा कि वह और उनकी पार्टी पूरी तरह से उन लोगों के साथ है और स्कूलों की इस तरह की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी।
श्री शर्मा ने कहा कि सरकार को इन निजी स्कूलों पर अंकुश लगाना चाहिए तथा आम आदमी की परेशानी को भी समझना चाहिए। एक आदमी के पास पहले से ही घर का खर्च चलाने लायक पैसे नहीं हैं तो वे इस बढ़ी हुई फीस व अन्य फंडों के साथ फीस की रकम कहां से जमा करा पाएंगे।
अरविंद केजरीवाल की सरकार
योगेश्वर शर्मा ने कहा कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार पिछले करीब छह सालों से निजी स्कूलों की फीस नहीं बढऩे दी , जिन्होंने बढ़ाई भी तो उनसे अभिभावकों के पैसे वापिस दिलवाए गए। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली सरकार ऐसा कर सकती है तो फिर हरियाणा सरकार को ऐसा करने से डर क्यों लग रहा है। सरकार या उसके मंत्रियों को निजी स्कूलों से कोई व्यक्तिगत लाभ हो रहा है क्या ? जो वे उनके खिलाफ कारवाई करने से डरते हैं।