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1988 Road Rage Case,नवजोत सिंह सिद्धू ने किया आत्मसमर्पण, भेजा गया पटियाला सेंट्रल जेल

1988 Road Rage Case,नवजोत सिंह सिद्धू ने किया आत्मसमर्पण, भेजा गया पटियाला सेंट्रल जेल

कोर्ट द्वारा 1988 के रोड रेज मामले में सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने आत्मसमर्पण कर दिया है। पटियाला कोर्ट ने उन्हें सेंट्रल जेल भेज दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने रोड रेज  मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को दी गई सजा के अपने फैसले को ही बदल दिया है। उसमें उन्हें 1000 रुपए जुर्माने  पर छोड़ दिया गया था। जिसके बाद पीड़ित परिवार ने इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार के दिन 1988 के रोड रेज केस में पटियाला कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने आत्मसमर्पण करने के बाद सिद्धू को जुडिशल कस्टडी में ले लिया गया। नवजोत सिंह सिद्धू कपड़ों से भरा हुआ बैग लेकर अदालत पहुंचे थे। अदालत जाते समय सिद्धू ने किसी से बात नहीं की।

शुक्रवार के दिन किया सरेंडर 

पटियाला के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित मल्हन ने प्रक्रिया पूरी होने के बाद सिद्धू को जेल भेज दिया। सिद्धू को पटियाला की सेंटर जेल भेजा गया है। 34 वर्ष पुराने मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को गुरुवार के एक साल की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद उन्होंने शुक्रवार के पटियाला कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। मेडिकल प्रक्रिया पूरी कराने के लिए उन्हें माता कौशल्या अस्पताल ले जाया गया। जहां उनका मेडिकल चेकअप होने के बाद अब पटियाला सेंट्रल जेल भेज दिया गया है।

पुलिस महानिदेशक ने जेल का जायजा लिया  

शुक्रवार की सुबह पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विरिंदर कुमार ने जेल का त्वरित दौरा किया और बैरक के पास सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को सुरक्षा व्यवस्था के बारे में बताया गया और जेल के नियमों का हवाला देकर देते हुए रेखांकित किया गया कि किसी भी कैदी के साथ दुर्व्यवहार करने का कोई प्रावधान नहीं है। जेल के पुलिस अधिकारी  ने बाद में जोर देकर कहा कि पुलिस महानिदेशक कुमार की विजिट नियमित थी और सिद्ध जेल में कई हाईप्रोफाइल कैदियों में से एक होंगे। सिद्धू के कट्टर विरोधी बिक्रमजीत सिंह मजीठिया भी पटियाला की सेंट्रल जेल में बंद है। 

नहीं मिली राहत 

इससे पहले सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट से आत्मसमर्पण करने के लिए और अधिक समय मांगा था। हालांकि उनका मामला सुनवाई के लिए नहीं रखा जा सका। जिस कारण उनको अदालत से झटका लगा और अब उन्होंने उन्हें पटियाला कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा। सिद्धू को पटियाला कोर्ट में सरेंडर करने के बाद कानून प्रक्रिया के बाद मेडिकल चेकअप कराया गया। 

स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया 

आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए सरेंडर के लिए सुप्रीम कोर्ट से कुछ हफ्तों का समय देने का अनुरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट से अब तक उनको राहत नहीं मिली। इस कारण उनको पटियाला कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा। 

कोर्ट ने गुरुवार के दिन 34 साल पुराने रोड रेज मामले में नवजोत सिंह सिद्धू की सजा बढ़ा दी है। जिसमें गुरनाम सिंह नाम के एक 65 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी। वर्ष 2018 में नवजोत सिंह सिद्धू को 1000 रुपए के जुर्माने के साथ छोड़ दिया गया था। 

क्या है मामला ?

अभियोजन पक्ष के अनुसार दिसंबर 1988 में रोड रेज की घटना में नवजोत सिंह सिद्धू ने गुरनाम सिंह की सरिए से पिटाई की थी। पीड़ित को अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया था। सिद्धू को सितंबर 1999 में एक निचली अदालत ने बरी कर दिया था लेकिन दिसंबर 2006 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इस फैसले को बदल दिया था।

उच्च न्यायालय ने सिद्धू को और उसके सहयोगी उपेंद्र सिंह संधू को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया था। उन्हें 3 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। जिसने नवजोत सिंह सिद्धू को चोट पहुंचाने के मामूली आरोप का दोषी  ठहराया था। जबकि संधू को मई 2018 में एक आदेश में सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था। उसी मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को एक  साल की सजा सुनाई गई है।

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