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सामाजिक कार्यकर्ता काजल हिंदुस्तानी को गुजरात कोर्ट ने हेट स्पीच मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

काजल हिंदुस्तानी ने रामनवमी के अवसर पर एक अप्रैल को गुजरात के ऊना में भाषण दिया था। जिसके बाद दो समुदायों के बीच झड़पें हुई थी। पुलिस ने न्यायिक हिरासत नहीं मांगी। कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए उन्हें 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है।

काजल हिंदुस्तानी ने रामनवमी के अवसर पर एक अप्रैल को गुजरात के ऊना में भाषण दिया था। जिसके बाद दो समुदायों के बीच झड़पें हुई थी। पुलिस ने न्यायिक हिरासत नहीं मांगी। कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए उन्हें 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है।

ऊना कोर्ट ने काजल हिंदुस्तानी उर्फ़ काजल सिंगला को हाल ही में रामनवमी के त्यौहार पर दिए गए एक भाषण के मामले में ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया है।

अपने उग्र भाषणों के लिए जानी जाने वाली काजल हिंदुस्तानी ने रविवार के दिन पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर ऊना की एक अदालत में पेश किया गया। गुजरात पुलिस ने काजल की हिरासत नहीं मांगी और अदालत ने उन्हें 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया।

क्या है मामला ?

काजल हिंदुस्तानी ने पिछले हफ्ते एक अप्रैल को विश्व हिंदू परिषद द्वारा रामनवमी मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। उस दौरान काजल ने समुदाय विशेष को निशाना बनाते हुए भाषण दिया था। जिसके बाद दो समूहों के बीच झड़पें हुई। इसी मामले में काजल हिंदुस्तानी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

काजल हिंदुस्तानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए (दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना ), 295 ए ( धार्मिक भावनाओं को आहत करने का इरादा ) और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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