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23 वर्षीय माव्या सूदन बनीं जम्मू कश्मीर की पहली महिला फाइटर पायलट, बढ़ाया पुरे देश का मान 

जम्मू कश्मीर के राजौरी की रहने वाली माव्या सूदन जम्मू कश्मीर की पहली महिला फाइटर पायलट बनी। माव्या नें वर्ष 2020 में वायुसेना प्रवेश परीक्षा पास की थी।

जम्मू कश्मीर के राजौरी की रहने वाली माव्या सूदन जम्मू कश्मीर की पहली महिला फाइटर पायलट बनी। माव्या नें वर्ष 2020 में वायुसेना प्रवेश परीक्षा पास की थी।

माव्या सूदन जम्मू कश्मीर की पहली बेटी हैं जो भारतीय वायुसेना में महिला फाइटर पायलट के रूप में शामिल होंगी। जम्मू कश्मीर के राजौरी की रहने वाली माव्या सूदन IAF में शामिल होने वाली देश की 12वीं महिला फाइटर पायलट बनी।

शनिवार को हैदराबाद स्थित डुंडीगल वायुसेना अकादमी में पासिंग अकॉउंट परेड में माव्या सूदन इकलौती महिला फाइटर पायलट के रूप में शामिल हुई। इस दौरान एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह सिसोदिया भी वहां मौजूद रहे।

माव्या को कठोर लड़ाकू ट्रेनिंग से गुजरना होगा

माव्या सूदन को अब एक साल तक लड़ाकू विमान का पूरी तरह से संचालन करने के लिए कठोर ट्रेनिंग से गुजरना पड़ेगा। इससे पहले फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनि चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह जून 2016 में बेसिक ट्रेनिंग के बाद फाइटर स्ट्रीम में फ्लाईंग ऑफिसर के रूप में शामिल होने वाली महिला थी। IAF में वर्तमान समय में 11 महिला फाइटर पायलट हैं, जिन्होंने सुपरसोनिक जेट उड़ाने में कठोर ट्रेनिंग ली  है।

परिवार में छाया ख़ुशी का माहौल

वहीं बेटी की इस उपलब्धि से परिवार में ख़ुशी का माहौल  है। माव्या के पिता विनोद सूदन ने कहा कि उन्हें गर्व महसूस हो रहा है। माव्या अब केवल हमारी बेटी नहीं बल्कि देश की भी बेटी है। हमे लगातार बधाई संदेश मिल रहें हैं।

माव्या का बचपन का सपना हुआ पूरा

माव्या सूदन की बहन मान्यता सूदन का कहना है कि माव्या बचपन से ही एयरफोर्स में जाने का सपना देखा करती थी। वह हमेशा से ही फाइटर पायलट बनकर प्लेन उड़ाने की बातें करती थी। आज उसका सपना साकार हो गया। वहीं उनके पेरेंट्स का कहना है कि माता-पिता को अपनी बेटियों का समर्थन करना चाहिए, वें कुछ भी कर सकती हैं।

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