26/11 Mumbai Attacks: आज से 17 साल पहले 26/11/2008 को पूरा मुंबई दहल उठा था। ताज होटल और अन्य स्थानों पर आतंकी अटैक हुए थे। इस हमले की विस्तृत जानकारी नीचे दी गई है।
मुंबई हमले में 175 की मौत
26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों को 26/11 हमलों के नाम से जाना जाता है। ये लश्कर-ए-तैयबा (LeT) द्वारा किए गए 12 समन्वित हमले थे। LeT पाकिस्तान से संचालित एक इस्लामी आतंकवादी संगठन है। हमले 26 नवंबर की शाम शुरू हुए और 29 नवंबर तक चले। जिसमें 9 हमलावरों सहित कुल 175 लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हुए। इनमें 29 विदेशी नागरिक भी शामिल थे।
26/11 Mumbai Attacks में शहीद हुए सुरक्षाकर्मी
26/11 Mumbai Attacks में कुल 17 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए। जिनमें 15 पुलिसकर्मी और 2 नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) कमांडो शामिल थे। 26/11 Mumbai Attacks में प्रमुख शहीदों में मुंबई पुलिस के एडिशनल कमिश्नर हेमंत करकरे, एडिशनल कमिश्नर अशोक कामटे, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट विजय सालस्कर और अन्य पुलिस अधिकारी जैसे तुकाराम ओम्बले शामिल थे। एनएसजी कमांडो में मेजर संदीप उन्नीकृष्णन और सैनिक गजेंद्र सिंह बिष्ट शहीद हुए। ये मौतें विभिन्न स्थानों पर हुईं। जैसे सीएसटी स्टेशन, कामा हॉस्पिटल और होटलों में। कुल पीड़ितों में 166 नागरिक/सुरक्षाकर्मी थे। जबकि 9 हमलावर मारे गए।
मुंबई हमले का चरणबद्ध विवरण
26/11 Mumbai Attacks की योजना पाकिस्तान में बनी थी और आतंकवादियों को हैंडलर्स, जैसे जकीउर रहमान लखवी और हाफिज सईद द्वारा सैटेलाइट फोन और VoIP से निर्देश दिए जाते थे। हमलावरों ने एक साथ कई स्थानों पर हमला किया। जिसमें शूटिंग, ग्रेनेड फेंकना और आग लगाना शामिल था। वे AK-47 राइफल, RDX विस्फोटक, IED और ग्रेनेड से लैस थे। हमले का उद्देश्य अधिकतम मौतें और आतंक फैलाना था।
मुंबई कैसे पहुंचे आतंकी ?
हमलावर रबर की नाव से कोलाबा में उतरे और समूहों में बंट गए। उन्होंने स्थानीय मछुआरों को “अपने काम से काम रखो” कहकर चेतावनी दी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।
26/11 Mumbai Attacks: छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर हमला
26/11/2008 को रात 9:30 बजे दो हमलावरों,इस्माइल खान और अजमल कसाब ने AK-47 से अंधाधुंध फायरिंग की। जिसमें 58 लोग मारे गए और 104 घायल हुए। वे 45 मिनट तक स्टेशन पर रहे, फिर भागे। रास्ते में पैदल चलते लोगों और पुलिस पर फायरिंग की। आतंकी कामा हॉस्पिटल पहुंचे। जहां वार्ड बंद होने से बच गए, लेकिन पुलिस वाहन पर हमला किया और हेमंत करकरे, विजय सालस्कर, अशोक कामटे समेत 6 पुलिसकर्मी शहीद हुए। हमलावरों ने पुलिस जीप छीनी, लेकिन रोडब्लॉक पर रुक गए। मुंबई पुलिस कांस्टेबल तुकाराम ओम्बले ने कसाब को पकड़ा, लेकिन खुद शहीद हो गए। कसाब पुलिस की फायरिंग में घायल हो गया था और पकड़ा गया।
26/11 Mumbai Attacks: लियोपोल्ड कैफे हमला
रात 9:30-9:48 बजे, दो हमलावरों, शोएब और नजीर ने फायरिंग की। जिसमें विदेशी पर्यटक सहित 10 लोग मारे गए।
26/11 Mumbai Attacks: टैक्सी में बम विस्फोट
उसी रात 10:40 बजे, दो टैक्सियों में टाइम बम फटे। एक विले पार्ले में, दूसरा वाडी बंदर में।
26/11 Mumbai Attacks: ताज महल पैलेस होटल और ओबेरॉय ट्राइडेंट
आतंकियों ने Taj Hotel में 6 विस्फोट किए। ओबेरॉय में 1विस्फोट किया और फायरिंग और आग लगाई गई। ताज में 1 कमांडो सहित 31 मारे गए। ओबेरॉय होटल में 30।लोग मारे गए। एनएसजी ने घेराबंदी की और 200 बंधकों को बचाया। सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए ऑपरेशन ब्लैक टॉरनैडो (black tornado) में 29 नवंबर सुबह 8:00 बजे तक सभी हमलावर मारे गए।
26/11 Mumbai Attacks: नरीमन हाउस अटैक
रात 10:30 बजे दो हमलावरों ने नरीमन हाउस पर कब्जा किया, फायरिंग और ग्रेनेड फेंके। इस हमले में 1 कमांडो सहित 7 मारे गए। रब्बी गैब्रिएल होल्ट्जबर्ग, उनकी गर्भवती पत्नी रिवका और 4 अन्य मारे गए। भारतीय सेना की एनएसजी ने हेलीकॉप्टर से उतरकर हमला किया और हमलावरों को मार गिराया।
26/11 Mumbai Attacks में कहां और कितना नुकसान हुआ ?
26/11 Mumbai Attacks में 175 लोगों की जानें जाने के साथ-साथ अरबों रुपए का नुक्सान हुआ। जिसका विवरण नीचे दिया गया है।
- ओबेरॉय ट्राइडेंट: फायरिंग, विस्फोट और आग से रेस्टोरेंट और कमरे क्षतिग्रस्त। 30 मौतें।
- नरीमन हाउस: घेराबंदी से सामने की दीवार क्षतिग्रस्त, ग्रेनेड और फायरिंग से अंदरूनी नुकसान। 7 मौतें।
- सीएसटी स्टेशन: दीवारों पर गोली के निशान, 58 मौतें।
- लियोपोल्ड कैफे: गोली के निशान, 10 मौतें।
- कामा हॉस्पिटल में कोई बड़ा भौतिक नुकसान नहीं (वार्ड बंद थे), लेकिन 5 पुलिसकर्मी मारे गए। टैक्सी विस्फोटों से वाहन नष्ट, मझगांव बंदरगाह पर विस्फोट। कुल मिलाकर, आग, विस्फोट और फायरिंग से इमारतें और सार्वजनिक संपत्ति प्रभावित हुईं।
26/11 Mumbai Attacks: हमलवार भारत कैसे पहुंचे ?
10 पाकिस्तानी आतंकी पाकिस्तान के कराची से अरब सागर पार करके मुंबई पहुंचे थे। ये सभी LeT के सदस्य थे। कराची से भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव ‘कुबेर’ को हाईजैक किया। 5 क्रू सदस्यों को मार डाला, कैप्टन को जबरन मुंबई लाने के बाद मार दिया। मुंबई के पास रबर डिंगी से उतरे और आतंक मचाया। 10 हमलावर भारत आए थे। जिनमें से 9 मारे गए। एक आतंकी कसाब को जिंदा पकड़ा। उसने LeT का कबूलनामा दिया। आतंकी काले टी-शर्ट और जींस में थे।





