Kumbh stampede: प्रयागराज में आयोजित मेले में 28-29 जनवरी 2025 मची भगदड़ में 82 लोगों की मौत हुई थी। हालांकि सरकारी आंकड़ों के अनुसार ये संख्या 37 है।
उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन ने आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 37 बताई है, जबकि बीबीसी की गहन जांच में दावा किया गया है कि दुर्घटना में कम से कम 82 लोग मारे गए हैं। नीचे घटना का विस्तृत विवरण और विभिन्न स्रोतों से किए गए दावों का विश्लेषण दिया गया है।
कुंभ भगदड़ में हुई मौतों पर यूपी सरकार का दावा
उत्तर प्रदेश सरकार और महाकुंभ मेला प्रशासन ने बताया कि 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या के दौरान संगम नोज के पास भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई थी और बाद में अन्य स्थानों पर हुई मौतों सहित कुल 37 मौतों की पुष्टि हुई। यूपी सरकार ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख देने की घोषणा की थीं।
Kumbh stampede: मेला प्राधिकरण का दावा
29 जनवरी को मेला प्राधिकरण के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि 30 मृतकों में से 25 की पहचान हो गई है और 60 लोग घायल हैं। प्रशासन का दावा है कि संगम नोज पर भीड़ बढ़ने और बैरिकेडिंग टूटने की वजह से भगदड़ मची।
बीबीसी की पड़ताल
बीबीसी हिंदी ने 10 जून 2025 को प्रकाशित अपनी विस्तृत जांच में दावा किया है कि महाकुंभ में मची भगदड़ में कम से कम 82 लोगों की मौत हुई थी। यह आंकड़ा सरकारी दावे (37) से कहीं ज़्यादा है।
बीबीसी की टीम ने 11 राज्यों के 50 से अधिक जिलों में 100 से अधिक परिवारों से मुलाकात की और पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाण पत्र और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान जैसे ठोस सबूतों के आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंची।
मृतकों के परिवार वालों का दावा
Kumbh stampede: 26 परिवारों ने बताया कि उन्हें 5-5 लाख रुपए नकद दिए गए, लेकिन इन मौतों को सरकारी सूची में शामिल नहीं किया गया। इनमें उत्तर प्रदेश के 18 परिवार, बिहार के 5, पश्चिम बंगाल के 2 और झारखंड का 1 परिवार शामिल है। कुछ परिवारों ने दावा किया कि उन पर यह राशि स्वीकार करने का दबाव बनाया गया था। परिवारजनों पर ये दबाव बनाया गया था कि मृतकों की मौत भगदड़ की वजह से नहीं बल्कि बिमारी या अन्य कारणों से हुई थी।
दैनिक भास्कर की जांच में दावा
दैनिक भास्कर ने 1 फरवरी 2025 को अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि भगदड़ में 49 लोगों की मौत हुई थी। 30 जनवरी को मोतीलाल नेहरू कॉलेज के शवगृह में 24 लावारिस शव मिले, जिनमें से 19 नए थे, जिसके आधार पर मरने वालों की संख्या 49 बताई गई।
न्यूजलाउंडरी की जांच
5 फरवरी 2025 को एक एक्स पोस्ट में न्यूज़लॉन्ड्री ने सरकारी आँकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि 79 लोगों की मौत हो गई है और 72 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। हालाँकि, यह आँकड़ा भी सरकारी दावे (30) से ज़्यादा था।
इस घटना का सटीक विवरण जानने के लिए एक स्वतंत्र न्यायिक जांच की आवश्यकता है। जैसा कि 1954 की भगदड़ के बाद किया गया था। जिसमें 800 से अधिक लोग मारे गए थे।