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दिल्ली विधानसभा चुनाव मतदान प्रतिशत पर AAP ने उठाए सवाल,EC ने किया स्पष्ट

फ़रवरी 10, 2020 | by

AAP raises questions on polling percentage in Delhi Assembly polls, EC clarifies

मत प्रतिशत पर केजरीवाल ने उठाये सवाल

चुनाव आयोग ने किया स्पष्ट

दिल्ली विधानसभा चुनाव मे मतदान प्रक्रिया खत्म होने के कई घंटों बाद चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मतदान से जुड़े आंकड़े पेश किए। 8 तारीख को शनिवार के दिन हुए मतदान के कई घंटों बाद चुनाव आयोग ने वोट प्रतिशत के आंकड़े जारी किए।

आम आदमी पार्टी ने इस पर सवाल उठाए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मतदान समाप्त होने के कई घँटों बाद भी चुनाव आयोग अंतिम मतदान प्रतिशत को घोषित नहीं कर रहा है। जो पूरी तरह से शॉकिंग वाली बात है।

अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा,” पूरी तरह से चौंकाने वाला, चुनाव आयोग क्या कर रहा है ? आयोग ने शनिवार रात अंतिम मतदान प्रतिशत 61.46 प्रतिशत बताया था। देश की राजधानी दिल्ली में नई सरकार चुनने के लिए शनिवार शाम 6:00 बजे मतदान खत्म हो गया था।

इसके अलावा चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने आयोग से सवाल किया कि क्या उसे BJP कार्यालय से अभी तक अंतिम मतदान प्रतिशत का आंकड़ा प्राप्त नहीं हुआ है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान प्रक्रिया खत्म होने के कई घंटों बाद चुनाव आयोग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मतदान से जुड़े आंकड़े पेश किए थे। चुनाव आयोग के अनुसार दिल्ली में देर शाम तक वोटिंग होती रही। जिसके कारण अंतिम आंकड़े जारी करने में समय लगा।

चुनाव आयुक्त रणवीर सिंह ने बताया कि दिल्ली में 62 .59 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया। जो कि पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के मुकाबले 2 फ़ीसदी ज्यादा है जबकि 2015 के विधानसभा चुनावों की तुलना में यह 5 फ़ीसदी कम है। चुनाव आयोग ने बताया कि दिल्ली के बल्लीमारान विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा मतदान हुआ है।

दिल्ली के इलेक्शन कमिश्नर अधिकारी रणवीर सिंह ने कहा मतदान प्रतिशत के आंकड़े की घोषणा में कोई असामान्य देरी नहीं है। निर्वाचन अधिकारी सटीकता सुनिश्चित करने के लिए रात भर डाटा की जांच में जुटे थे। विधानसभा क्षेत्र सीटों के लिए शनिवार को मतदान हुआ था।

चुनाव अधिकारी रणवीर सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विधानसभा चुनाव के अंतिम मतदाता प्रतिशत के आंकड़ों की घोषणा में देरी को लेकर राजनीतिक पार्टियों के एक वर्ग की तरफ से व्यक्त की गई शंकाओं को दूर करने की कोशिश की गई है और कहा, ” वे अटकलें नहीं लगाना चाहते थे बल्कि सटीक आंकड़े देना चाहते थे। डाटा की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए रात भर काम किया गया। “

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